राजनीति में रूचि रखने वाले लोग चुनाव के रिजल्ट को आइंसटीन के कठिन सूत्रों की तरह समझने की कोशिश करते रहते हैं और इस कोशिश में वे किसी नेता की सभा में आई भीड़, टेलीवीजन चैनल, मीडिया, व्हाट्सएप आदि के सहारे अपने-अपने...
भारत अपनी बढ़ती युवा आबादी के साथ, एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। ‘मानव विकास संस्थान’ (आईएचडी) और ‘अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (आईएलओ) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई ‘भारत रोज़गार रिपोर्ट – 2024’ युवाओं में रोज़गार के बहुआयामी परिदृश्य पर प्रकाश डालती है। भारत की...
आम चुनाव में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने घोषणा-पत्र तैयार किये हैं, लेकिन अपेक्षाओं के विपरीत भारत की 42 प्रतिशत जनसंख्या, यानी युवाओं और बच्चों के मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं है। कुछ दलों के घोषणा-पत्रों में टोटकों की तरह...
बहुत अधिक पीछे न जाकर पिछले 11-12 वर्षों में घटी प्रमुख त्रासदियों (केदारनाथ, जोशीमठ एवं सिक्किम) त‍था मौसम की चरम घटनाओं को देखते हुए अब यह जरूरी हो गया है कि सभी राजनैतिक दल आगामी लोकसभा चुनाव (2024) में पर्यावरण को महत्व...
करोड़ों ग़रीबों को मुफ़्त का अनाज बाँटा जा सकता है पर उन्हें भारत रत्नों से विभूषित करके भी राजनीतिक विपक्ष की तरह तोड़ा नहीं जा सकता। न तो नीतीश और न ही जयंत चौधरी ही देश के असली विपक्ष...
75 वें गणतंत्र दिवस पर विशेष संविधान की अवधारणा भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न एवं लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में स्थापित करती है। यही हमारा धर्मग्रंथ है। नागरिकों के आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय के साथ प्रतिष्ठा एवं अवसर की...
75 वें गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी पर विशेष आजादी की लडाई में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के अलावा कई विदेशी साहित्यकारों,वैज्ञानिकों, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं का संग-साथ मिला था। रूस के महान लेखक लियो टालस्टाय उनमें से एक थे। उन्होंने अपने पत्रों की...
हाल के पांच राज्यों के चुनाव परिणाम देश की दोनों पार्टियों - भाजपा, कांग्रेस के तौर-तरीकों को भी उजागर करते हैं। ये बताते हैं कि इन पार्टियों ने किन तरीकों से अपनी-अपनी चुनावी समर लडी है। क्या हैं, इन...
जीत-हार की राजनीति में आकंठ डूबे राजनेता पांच राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों में लगे हैं। इसके कुछ महीनों बाद समूचा देश केन्द्र की सत्ता चुनने में लग जाएगा, लेकिन ऐसे में क्या हमारी मौजूदा हालातों पर विचार करना...
चक्रेश जैन फर्ज़ी मतदान रोकने में ‘अमिट स्याही’ की अहम भूमिका रही है। अमिट स्याही की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे मिटाया अथवा धोया नहीं जा सकता। बैंगनी रंग की यह स्याही आम चुनाव का प्रतीक बन गई...

Last 5 Post

नये समाचार