पिछले 2 महीनों से 3 लाख आबादी वाले लद्दाख की 10 प्रतिशत आबादी यानि 30 हज़ार से भी ज़्यादा लोग, अपने जल-जंगल-जमीन, पर्यावरण, अपने रोजगार और समाज और अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं! लद्दाख की 90% आबादी...
राजनीतिक रूप से भले ही सत्ताधारी दल अलग-अलग दिखाई देते हों, लेकिन विकास के मामले में सभी में गजब की एकरूपता है। तमिलनाडु को ही लें तो वहां उत्तर भारत की भाजपा-कांग्रेस जैसी पार्टियों से सर्वथा भिन्न ‘द्रविड मुनेत्र...
‘राजस्थान की रजत बूंदें’ सरीखी नायाब किताब लिखने वाले अनुपम मिश्र कहा करते थे कि जिस इलाके में प्रकृति ने पानी देने में थोड़ी कंजूसी की है, वहां समाज ने पानी की एक-एक बूंद को प्रसाद मानकर बेहद सलीके...
76 वें स्‍वतंत्रता दिवस पर विशेष हमारी आजादी के संघर्ष का अहम पडाव ’1942 का Quit India Movement ‘भारत छोडो’ आंदोलन भी रहा है। इस आन्दोलन से उत्पन्न चेतना के परिणामस्वरूप ही 1946 में जलसेना (नेवी) का विद्रोह हुआ,...
नर्मदा के विशेष सम्‍मेलन में पर्यावरण विशेषज्ञों व जानकारों का मतंव्‍य बड़वानी 8 जून । नर्मदा घाटी : आज और कल की चुनौतियां विषय पर नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा बड़वानी में बुधवार (7 जून) को आयोजित विशेष सम्‍मेलन में नर्मदा...
नदियों पर अनुसंधान के लिए एक संस्थान बनाने की मांग भोपाल, 30 मई । जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एन.ए.पी.एम) ने मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में 1-2 अप्रैल, 2023 को सम्‍पन्‍न हुए राष्ट्रीय जल-जंगल-जमीन और 'विकास' सम्मेलन में पारित...
नर्मदापुरम के बांद्राभान में जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय का राष्ट्रीय सम्मेलन सम्‍पन्‍न बांद्राभान (होशंगाबाद, नर्मदापुरम), 2 अप्रैल। जल-जंगल और जमीन के ज्वलंत मुद्दें को लेकर जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) के बैनर तले नर्मदापुरम के बांद्राभान में आयोजित राष्ट्रीय...
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय  (एनएपीएम) का राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन बांद्राभान, 1 अप्रैल। जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) के बैनर तले बसेरा सभागार बांद्राभान (होशंगाबाद, नर्मदापुरम) मध्यप्रदेश में "नदियों को अविरल बहने दो, जल, जंगल, जमीन, विस्थापन, विकास,...
2 अप्रैल को होगी होशंगाबाद में जनसभा 1 अप्रैल, 2023। होशंगाबाद में नर्मदा किनारे 1 और 2 अप्रैल को बांद्रा धाम, नर्मदापुरम, होशंगाबाद में जन आंदोलनों के राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। सम्‍मेलन में देशभर से 10 राज्यों...
पेड़ों को कटने से बचाने हेतु हिमालय क्षेत्र में पैदा विश्व प्रसिद्ध चिपको आंदोलन के 51 वर्ष पूर्ण हो रहे है। आज 26 मार्च को दुनिया के सुप्रसिद्ध चिपको आंदोलन के 51 वर्ष पूर्ण हो रहे है। पेड़ों को लिपटकर...

Last 5 Post

नये समाचार