पर्यावरणविद् राजेन्द्रसिंह ने सेवा सुरभि के कार्यक्रम में कहा
इंदौर, 23 अप्रैल। इंदौर एक पानीदार शहर है, लेकिन यहां की नदी आईसीयू में पहुंच गई है। उसकी बीमारी का सही ईलाज करने के बजाय आप उसे ब्यूटी पार्लर में ले...
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) पर विशेष
न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी तथा मौसम का निरन्तर बिगड़ता मिजाज गंभीर चिंता का सबब बना है। हालांकि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए...
मानव सभ्यता प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर उन्नत तो हुई है, किन्तु हमारी ऊर्जा की खपत भी बढ़ती जा रही है। यदि इसी तरह ऊर्जा के परम्परागत साधनों का उपयोग बढ़ता गया, तो भविष्य में भयानक ऊर्जा संकट का सामना करना...
‘वेटलेंड’ यानि आर्द्रभूमि के नाम से पहचाने जाने वाले अपने आसपास के ताल-तलैया, विशाल जलाशय और तटीय इलाके हजारों हजार जैविक इकाइयों का ठिकाना भर नहीं होते, बल्कि उनके भरोसे आज के सबसे बड़े जलवायु परिवर्तन के संकट...
बदनावर में पर्यावरण संगोष्ठी का आयोजन
बदनावर, 25 जनवरी। पर्यावरण डाइजेस्ट मासिक पत्रिका के प्रकाशन के गौरवशाली 37 साल पूरे होने के अवसर पर बुधवार शाम यहां चंद्रलीला पैलेस में बदनावर नगर परिषद के सहयोग से पर्यावरण संगोष्ठी का आयोजन...
सब जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन की मौजूदा त्रासदी की वजह धरती पर बसे इंसानों की हवस पर आधारित जीवन-पद्धति है, लेकिन कोई इसे रोकना, बदलना नहीं चाहता। वैश्विक स्तर पर भी ठीक यही हालत है और तरह-तरह के...
मौजूदा विकास की अवधारणा के चलते दुनियाभर में प्रतिरोध हो रहे हैं। हाल में मध्य अमेरिकी देश पनामा Panama में तांबे की खदान के विरोध में आम लोगों ने प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट तथा राष्ट्रपति को अपनी बात...
दिल्ली की तरह अब कोलकाता से भी वायु प्रदूषण की भयावह खबरें आने लगी हैं। जबकि यहां पराली जलाए जाने से वायु प्रदूषित नहीं हो रही है। यहां हवा में प्रदूषण की मात्रा 175 के आंकड़े पर आ गई...
'कॉप – 28’ : 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2023
पर्यावरण को लेकर सत्तर के दशक में उभरी राजनीतिक सत्ताओं की चिंता अब पाखंड में तब्दील होती जा रही है। तरह-तरह के वैश्विक सम्मेलनों में दुनियाभर के राजनेता भांति-भांति के दावे-वायदे...
इंसानी वजूद के लिए जरूरी हवा, पानी और भोजन की त्रयी में से पानी तेजी से विलुप्त होता जा रहा है। वजह है, नए आधुनिक तरीकों से होने वाली खेती और उद्योग। क्या होता है जब बुनियादी मानवीय जरूरतों...