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कठपुतली कला : विलुप्त होती लोक कला को पुनर्जीवित करने की जरूरत
डॉ. संजीव कुमार
21 मार्च : विश्व कठपुतली दिवस
विश्व कठपुतली दिवस प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है। इसकी कल्पना ईरान के प्रसिद्ध...
क्या गौरव करने लायक बचा है, लोकतंत्र?
हमारे समय का सर्वग्राही सवाल उस लोकतंत्र से है, जिसका नाम लेकर तरह-तरह के रंगों, झंडों वाली राजनीतिक जमातें सत्ता पर चढती-उतरती रहती हैं।...
श्राद्ध-पक्ष : कौन है ‘फूलधारी’ पौधों का पूर्वज?
हिन्दू परम्परा में श्राद्ध-पक्ष पूर्वजों को याद करने की खातिर मनाया जाता है, लेकिन क्या हम कभी अपने आसपास की प्रकृति के पूर्वजों...
नकारा नियोजन की चपेट में फंसा शहर
हमारे किसी भी आकार-प्रकार के शहरों में चंद मिनटों की बरसात बाढ ला देती है और यह कारनामा पानी के प्राकृतिक स्रोतों, ठिकानों और...
एक था हरसूद
इतिहास में दशक की एक महत्वपूर्ण घटना की तरह दर्ज हरसूद का ‘संकल्प मेला’ समाप्त हो गया और उसी के साथ नए हरसूद या...
जल, जंगल, जमीन, नदी, पहाड़ का संरक्षण करने हेतु मैदानी व कानूनी संघर्ष तेज...
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) का राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
बांद्राभान, 1 अप्रैल। जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) के बैनर तले बसेरा सभागार...
किसान के लिए भी है, ‘गांधी का ताबीज’
आजकल किसानों और किसानी से जुडे लोगों के बीच भारी बेचैनी दिखाई दे रही है। हाल में केन्द्र सरकार द्वारा संसद में पारित करवाए...
समाचार
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Gandhi - 150
18 अप्रैल: भूदान आंदोलन के माध्यम से संत विनोबा की अहिंसक...
जब दुनिया ने बदलाव के लिए हिंसा का शोर चुना, तब विनोबा भावे ने मौन पदचाप से क्रांति की इबारत लिखी।
18 अप्रैल 1951 को...
नवीनतम लेख
आतंकवाद को अलविदा का वक्त आ गया
पहलगाम की विभीषिका ने देश को एकजुट किया—यह सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय चेतना के पुनर्जागरण का क्षण...
किसके फायदे में है प्रेस सेवा पोर्टल के नए नियम ?
10 मार्च 2025 को जारी केंद्र सरकार की नई एडवाइजरी ने देश भर के छोटे और मझोले समाचार पत्र-पत्रिकाओं के भविष्य पर बड़ा सवाल...
डॉ. संघमित्रा गाडेकर नहीं रहीं — विज्ञान, सेवा और संघर्ष का...
संपूर्ण क्रांति विद्यालय, सर्वोदय आंदोलन और परमाणु-विकिरण विरोधी अभियानों की एक निर्भीक आवाज अब खामोश हो गई है
सूरत, 29 अप्रैल। सर्वोदय आंदोलन की...
इतना सन्नाटा क्यों है?
कुमार प्रशांत का सवाल : लोकतंत्र में बोलने की जरूरत
जयंत सिंह तोमर
कुमार प्रशांत ने अपने भाषण के ठीक बीच में अचानक सवाल उछाला -...
पर्यावरणविद ‘पानी वाले बाबा’ के नाम से ख्यात राजेंद्र सिंह बोले...
‘सेवा सुरभि’ द्वारा जल संवाद कार्यशाला का आयोजन-अनेक वक्ताओं ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
इंदौर, 27 अप्रैल। धरती का बुखार बढ़ रहा है और मौसम के...
आतंकवाद के खिलाफ साझा स्वर : जब देश एकजुट होता है,...
पहलगाम में 26 निर्दोषों की हत्या से उपजा शोक पूरे भारत को हिला गया, लेकिन इस गहरे दुःख में भी एक नई चेतना दिखाई...