हमारे समय का सर्वग्राही सवाल उस लोकतंत्र से है, जिसका नाम लेकर तरह-तरह के रंगों, झंडों वाली राजनीतिक जमातें सत्‍ता पर चढती-उतरती रहती हैं। क्‍या सचमुच हम जिसे सतत वापरते हैं, वह लोकतंत्र ही है? दुनिया के लोकतांत्रिक देशों...
आजादी बहुत अधिक सजगता की मांग भी करती है। अक्सर तो हमें इसका अहसास भी नहीं होता कि वह वास्तव में हम आजाद नहीं या फिर जिसे आजादी समझ रहे हैं वह गुलामी का ही एक परिष्कृत रूप है।...
प्रधानमंत्री की अगुआई में देशभर में ‘आत्‍मनिर्भरता’ की दुंदुभी बज रही है। लगभग हरेक क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनने की जुगत बिठाई जा रही है, लेकिन क्‍या मौजूदा विकास के ताने-बाने के साथ-साथ वास्‍तविक आत्‍मनिर्भरता संभव हो सकेगी? क्‍या इस...
दुनियाभर में वापरी जा रही लोकतांत्रिक प्रणाली व्यवहार में कितनी कारगर है, यह उसके मैदानी अमल से उजागर होता रहता है। व्यक्ति और समाज के स्तर पर लोकतंत्र के कसीदे काढने वाले अपने निजी, राजनैतिक और सामाजिक जीवन में...
अखिल गोगोई असम में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट के तौर पर जाने जाते हैं। उनकी पहचान बड़े बांधों का विरोध करने वाले, जैव विविधता को बचाने के लिए संघर्ष करने वाले, जैव विविधता पार्क बनाने...
बुनियादी मुद्दों पर सत्‍ता की यह अनदेखी समाज से उसकी बढ़ती हुई दूरी को ही उजागर करती है। आजादी के बाद से लगाकर आज तक का हमारा राजनैतिक इतिहास सत्‍ता और समाज के बीच की इस बढ़ती दूरी का...
पत्रकारिता और मीडिया को गड्डमड्ड करना और एक ही समझना ठीक नहीं है| आधी सदी पहले वे दोनों एक सरीखे ही रहे हों, पर आज नहीं हैं। देश के मीडिया के बड़े हिस्से पर कारपोरेट सेक्टर का कब्जा है।...
73वें ‘स्‍वतंत्रता दिवस’ (15 अगस्‍त) पर विशेष स्‍वाधीनता, स्‍वावलंबन और भय-मुक्ति मानव सभ्‍यता की बुनियाद हैं। इन्‍हें साधना, एक सम्‍पन्‍न समाज और सभ्‍यता के निर्माण के लिए बेहद जरूरी है। प्रस्‍तुत है, इसी विषय पर प्रकाश डालता अनिल त्रिवेदी का यह लेख। आज़ादी, स्वाधीनता, फ्रीडम, स्वतंत्रता...
कोविड-19 महामारी तक को अनदेखा करके मार्च में करीब दो दर्जन विधायकों को ‘लोकतंत्र की रक्षा करने’ की खातिर अपने अल्‍पमत के पाले में मिलाने वाली ‘भारतीय जनता पार्टी’ और बहुमत गंवाकर गद्दी से उतारी जाने वाली ‘भारतीय राष्‍ट्रीय...
हुकूमतें तकनीकी रूप से चाहे जितनी भी सक्षम क्यों न हो जाएँ, नागरिकों के मन के अंदर क्या चल रहा है उसका तो पता नहीं कर सकतीं । हां , वे इतना ज़रूर कर सकती हैं कि अगर लोगों...

Last 5 Post

नये समाचार