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‘आर्मेनियाई जनसंहार-ऑटोमन साम्राज्य का कलंक’ : नरसंहार के निहितार्थ
सत्ता और पूंजी की खातिर समाज को आपस में सतत युद्धरत, हिंसक बनाए रखने का नतीजा क्या एक व्यापक नरसंहार नहीं हो सकता? एक...
बाजार में बिकती सुन्दरता
अभी हाल में, दो लंबे दशकों के इंतजार के बाद भारत की एक युवती ‘मिस यूनिवर्स-2021’ का ताज हासिल करने में कामयाब हुई है।...
‘सर्वधर्म ममभाव’ और विनोबा भावे का दृष्टिकोण
डॉ. पुष्पेंद्र दुबे
विनोबा जयंती : 11 सितंबर
भूदान आंदोलन के प्रणेता संत विनोबा का जन्म 11 सितंबर 1895 को महाराष्ट्र के गागोदा ग्राम में हुआ।...
मध्यप्रदेश : बिजली की बाजीगरी
मध्यप्रदेश में बिजली की आपूर्ति का कारनामा अब ठीक वह कर रहा है जिसे मुहावरे में ‘माल-ए-मुफ्त, दिल-ए-बेरहम’ कहा जाता है। एक तरफ, सरकारी...
हीरा नहीं, जंगल है सदा के लिए
मध्यम वर्ग ने एक जीवन मंत्र अपना लिया है। खूब कमाओं और खूब खर्च करो। खर्च करने के लिए सोने के बाद अब हीरे...
किसानी के प्रतिकूल हैं, हाल में बने कानून
राजगोपाल पीव्ही
कुछ दिन पहले खेती-किसानी से जुडे दो कानूनों के बनने और एक कानून के संशोधन ने देशभर के किसानों में बवाल खडा कर...
मणिपुर को दूसरा कश्मीर बनने से रोका जाना चाहिए!
मणिपुर की त्रासदी ने भारत के ही एक अति-संवेदनशील भूभाग को भारत की ही आत्मा से और दूर कर दिया है। वहाँ के नागरिकों...
समाचार
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Gandhi - 150
भूदान आंदोलन के बाद अब भू-मुक्ति
पचास के दशक में विनोबा भावे की अगुआई में शुरु हुआ ‘भूदान आंदोलन’ अब किस परिस्थिति में है? क्या उसने अपने घोषित उद्देश्यों...
नवीनतम लेख
‘भारत रोजगार रिपोर्ट – 2024’ : युवा-रोजगार की पड़ताल
भारत अपनी बढ़ती युवा आबादी के साथ, एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। ‘मानव विकास संस्थान’ (आईएचडी) और ‘अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (आईएलओ) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई ‘भारत...
आम चुनाव : बच्चों के प्रति बेपरवाह राजनीति
आम चुनाव में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने घोषणा-पत्र तैयार किये हैं, लेकिन अपेक्षाओं के विपरीत भारत की 42 प्रतिशत जनसंख्या, यानी युवाओं और बच्चों...
वरिष्ठ गांधीवादी विचारक कृष्ण मंगल सिंह कुलश्रेष्ठ का उज्जैन में निधन
समूचे शिक्षा और रचनात्मक समाज में शोक की लहर
उज्जैन, 10 मई । विगत 6 दशक से उज्जैन के शिक्षा और सामाजिक जगत में अनुकरणीय...
कहां मिलेंगी किताबें : किताबों के सपने की मौत
लेखन, पत्रकारिता, जनांदोलन, जनहित की पैरवी जैसे कामों की वजह से प्रसिद्ध, गोवा के क्लॉड और नोर्मा अल्वारिस किताबों की अपनी दुकान ‘अदर इंडिया...
कौन देगा साफ हवा-पानी की ग्यारंटी !
मौजूदा आम चुनावों में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी ओर से नागरिकों को थोक में तरह-तरह की ग्यारंटी दे रहे हैं, लेकिन किसी का ध्यान...
आम चुनाव : मोदीजी ने क्यों पूछा कि क्या इंदौर में...
राज्य में हुकूमत भाजपा की ही है फिर भी मोदीजी की पार्टी डरी हुई है ? डर का कारण इतना भर है कि चार...
क्या इन्दौर लोकसभा चुनाव में नोटा राजनैतिक प्रतिरोध का प्रतीक बनेगा?
भारत के आम चुनावों में भारतीय मतदाता को केवल अपना मनपसंद जनप्रतिनिधि निर्वाचित करने का ही अधिकार नहीं है भारत के प्रत्येक मतदाता को...
लोकतंत्र एवं न्याय की अहम बुनियाद है प्रेस की स्वतंत्रता
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (3 मई)
प्रतिवर्ष 3 मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ मनाया जाता है। भारत में प्रेस को सदैव लोकतंत्र के चौथे...
पोहे-कचोरी भूल जाइए! ‘स्वच्छ’ इंदौर को अब इस ‘शर्म’ के लिए...
श्रवण गर्ग
लता मंगेशकर, कर्नल सी के नायडु,उस्ताद अमीर खाँ और एम एफ़ हुसैन जैसी हस्तियों के शहर इंदौर के कोई 25 लाख मतदाता...
आम चुनाव : जनहित में जारी जन-घोषणापत्र
दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह, भारत भी कई संकटों का सामना कर रहा है : सत्तावादी राजनीतिक ताकतों का उदय, धार्मिक व जातीय दमन और...