हाल के केन्द्रीय बजट में राज्यों के खाते में आवंटित शिक्षा-बजट की राशि बहुत कम करके केन्द्र सरकार आखिर क्या करना चाहती है? कोरोना महामारी के बाद करीब सालभर में पहली बार खुल रहे गांव-खेडे के स्कूलों को अपने...
भारत में बच्चों को शारीरिक दंड देने की आदत यथावत बनी हुई है| बच्चे को अनुशासित करने में इसकी व्यर्थता साबित होने के बावजूद| पिटा हुआ और घायल बच्चा कभी ज़िम्मेदार नागरिक नहीं बन सकता| एक इंसान के रूप...
समूचे शिक्षा और रचनात्‍मक समाज में शोक की लहर उज्जैन, 10 मई । विगत 6 दशक से उज्जैन के शिक्षा और सामाजिक जगत में अनुकरणीय योगदान देने वाले वरिष्ठ गांधीवादी और भारतीय ज्ञानपीठ संस्थान के पितृपुरुष श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ...
पेशेवर विकास के लिए शिक्षकों के पास पर्याप्त अवसर होने चाहिए| इससे उनका हुनर बढेगा और वे शिक्षण के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों से परिचित होंगे| शिक्षकों के ऐसे समूह होने चाहिए जिसमें वे एक दूसरे की...
कमलेश कमल (साहित्य), जनक दबे (पत्रकारिता), सीताराम (शिक्षा) और अर्पणा (कला) के लिए होंगें सम्मानित नई दिल्ली, 31 मई। प्लास्टिक के विरोध में गांव -गांव और शहर -शहर में सघन अभियान चलाने वाली डॉ. अनुभा पुंढीर को समाज सेवा और...
वे अपनी कक्षाएं पेड़ों के नीचे, पहाड़ की ढलानों पर, धूल भरे आँगन में, मंदिरों में और मस्जिदों में संचालित की हैं। कुछ राज्यों ने आसपास के समुदायों में व्यवस्थित रूप से कक्षाओं को आयोजित करने के लिए प्रगतिशील...
शिक्षा,खासकर बुनियादी शिक्षा समाज और सरकार की नजरों में लगातार गैर-जरूरी होती जा रही है। इस बदहाली का लाभ उठाने के लिए अनेक निजी कंपनियां खडी हो रही हैं जिनका एकमात्र उद्देश्य भरपूर मुनाफा कूटना होता है। ऐसे में...
17वीं अखिल भारतीय जन विज्ञान कांग्रेस में पर्यावरण, कृषि, आजीविका, लैंगिक समानता जैसे विषयों पर विमर्श भोपाल, 8 जून। 17वीं अखिल भारतीय जन विज्ञान कांग्रेस में पर्यावरण, कृषि, आजीविका, लैंगिक समानता जैसे विषयों पर आज सेमिनार एवं कार्यशालाओं का आयोजन...
पिछले 20 वर्षों में हमने अलग-अलग राज्यों में शिक्षा विभाग के 100 प्रिंसिपल सेक्रेटरी के साथ काम किया। उनमें से कम से कम 10 ऐसे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में अपने राज्य में शिक्षा के स्तर में उल्लेखनीय सुधार...
कोविड-19 से बदहाल देश के सामने, बिना किसी संतोषजनक संवाद, बातचीत के, हड़बड़ी में लाई गई ‘शिक्षा नीति-2020’ आखिर क्‍या उपलब्‍ध करना चाहती है? क्‍या यह तेजी से बढ़ती निजी पूंजी को और बढाने की खातिर सस्‍ते मजदूरों की...

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