कमलेश कमल (साहित्य), जनक दबे (पत्रकारिता), सीताराम (शिक्षा) और अर्पणा (कला) के लिए होंगें सम्मानित

नई दिल्ली, 31 मई। प्लास्टिक के विरोध में गांव -गांव और शहर -शहर में सघन अभियान चलाने वाली डॉ. अनुभा पुंढीर को समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए विष्णु प्रभाकर स्मृति सम्मान देने की घोषणा की गई है। अनुभा जानी मानी नृत्यांगना भी हैं लेकिन अपने गृह राज्य उत्तराखंड में  प्लास्टिक के इस्तेमाल के विरोध में उन्होंने लाखों लोगों को अपनी संस्था की ओर से कपड़े के थैले मुहैया कराए। उनके प्रयास से असंख्य लोगों ने खुद को सदा के किए प्लास्टिक से अलग थलग कर लिया। उन्‍हें समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक उत्कृष्ठ कार्यों, उपलब्धियों हेतु हिमालयी नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया है।

इनके अलावा दिल्ली के कमलेश कमल को साहित्य के लिए, अहमदाबाद गुजरात के- जनक दवे  को पत्रकारिता के लिए गांधीनगर के सीताराम बरोट ‘सत्यम’  को शिक्षा के लिएऔर दिल्ली की अपर्णा सारथे को कला के लिए विष्णु प्रभाकर स्मृति सम्मान दिए जायेंगे ।

राष्ट्रीय स्तर का यह सम्मान गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, नई दिल्ली और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान, नोएडा द्वारा संचालित सन्निधि  संगोष्ठी की ओर से दिया जाएगा। पिछले दस सालों से सन्निधि संगोष्ठी द्वारा हरेक साल में दिसंबर में काका साहब कालेलकर और जून में विष्णु प्रभाकर की याद में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली पांच- पांच  युवा हस्तियों को काका साहब कालेलकर सम्मान और विष्णु प्रभाकर सम्मान से सम्मानित किया जाता है। ये सम्मान युवा हस्तियों में नैतिक ऊर्जा भरते हैं और युवाओं में उत्साह का संचार होता है। वे प्रोत्साहित होकर सृजन के नए आयाम रचते हैं।

विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल कुमार के मुताबिक ये सम्मान युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए दिए जाते हैं। इस साल  विष्णु  प्रभाकर सम्मान समारोह 17 जून को दिल्ली स्थित सन्निधि सभागार में आयोजित किया जाएगा। समारोह के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध राष्ट्रीय दैनिक जनसत्ता के संपादक और दर्जनों किताबों के लेखक मुकेश भारद्वाज सभी युवा हस्तियों को  सम्मानित करेंगें।

उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए देहरादून की डॉ. अनुभा पुंढीर को सम्मानित किया जाएगा। एडिथ कैविन यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया से एमबीए, पर्यावरण विज्ञान में स्नातक, एसएमयू बडोदरा से भारतीय नाट्यकला में स्नातक व आपदा प्रबंधन व योग तथा मनोविज्ञान में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त तथा आईआईएम, बंगलूर से जुड़ी प्रोफेसर डा० अनुभा पुंढीर वैसे तो जानी मानी नृत्यांगना हैं लेकिन उनकी उत्तराखंड राज्य में प्लास्टिक विरोधी अभियान की प्रमुख और देश में पर्यावरण रक्षा हेतु समर्पित कार्यकर्ता के रूप में सर्वत्र ख्याति है। वे आज भी इस अभियान में जोर-शोर से लगी हैं तथा जनजागरण के द्वारा प्लास्टिक विरोध की आवाज बुलंद कर रही हैं। वे कई पुरस्कारों से सम्मानित की जा चुकी हैं।

साहित्य के लिए कमलेश कमल को विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जाएगा कमलेश कमल पिछले 15 सालों से साहित्य लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। आई टी बी पी के डिप्टी कमांडेंट कमलेश कमल ने हिंदी के विकास के लिए अनेक विश्वविद्यालयों में विमर्श का आयोजन किया। कमल पूरी तरह से हिंदी  साहित्य के विकास के लिए समर्पित हैं और अनेक संस्थाओं के जरिए हिंदी के विकास के लिए निरंतर कार्यरत हैं इनको कई सम्मानों से भी नवाजा गया है। कई किताबें भी प्रकाशित हुई हैं। दो हजार से अधिक रचनाओं का सृजन भी किया है।

सीताराम बरोट सत्यम एवं जनक दवे को भी मिलेगा पुरस्कार

इसी तरह सीताराम बरोट सत्यम को शिक्षा के लिए सम्मानित किए जायेंगे। लेखन और अन्य प्रदर्शन कला के जरिए बच्चों को शिक्षित करने के क्षेत्र में सीताराम की भूमिका बहुत अहम है। अपर्णा सरथे को कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। अहमदाबाद गुजरात के जनक दबे को श्रेष्ठ पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने युक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र की लाइव कवरेज की, इस क्षेत्र में कार्य का इन्होंने विशेष प्रशिक्षण लिया है।

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