2021 में प्रकाशित ‘आज़ादी’ नामक निबंध संकलन के फ्रेंच अनुवाद के लिए मिला सम्मान नयी दिल्ली, 18 जून। जानी मानी लेखिका अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) को वर्ष 2023 का 45वां ‘‘यूरोपियन एसे प्राइज फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट’’ (European Essay Prize)  सम्मान...
स्‍मृति शेष : शीतला सिंह पत्रकारिता के पितामह कहलाने वाले देश के वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह अभी कुछ दिन पहले हम सबसे सदा के लिए विदा हुए हैं। ‘सप्रेस’ का उनसे सम्बंध रहा था। प्रस्तुत है, निमीषा सिंह की लिखी...
12 मई : जन्‍म दिवस प्रसंग कृष्णमूर्ति Jiddu Krishnamurthy ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्कूल में शिक्षक और छात्र दोनों ही जीवन के बुनियादी सवालों की पड़ताल करें बगैर किसी दबाव के। यह पड़ताल बाहरी दुनिया से शुरू...
पुरस्‍कार राशि से "शांति कोष" स्‍थापित करने का फैसला भोपाल, 11 मई। प्रख्यात गांधीवादी व सर्वोदयी नेता, एकता परिषद के संस्थापक श्री राजगोपाल पी.व्ही. को आज जापान में न्याय और शांति के लिए अहिंसक माध्यमों से उनके असाधारण योगदान के...
समूचे शिक्षा और रचनात्‍मक समाज में शोक की लहर उज्जैन, 10 मई । विगत 6 दशक से उज्जैन के शिक्षा और सामाजिक जगत में अनुकरणीय योगदान देने वाले वरिष्ठ गांधीवादी और भारतीय ज्ञानपीठ संस्थान के पितृपुरुष श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ...
निमिषा सिंह निर्मला देशपांडे Nirmala Deshpande का व्यक्तित्व बहुआयामी था। उन्होंने अपने विचारों एवं कार्यों से गांधी और विनोबा को जोड़ने का कार्य किया। गांधी विचार के मूल तत्व संवाद को इन्‍होंने ‘गोली नही बोली चाहिए’ का रूप देकर विपरीत...
इंदौर, 23 अप्रैल । विश्‍व पृथ्‍वी दिवस के मौके पर पर्यावरण संरक्षण अनुसंधान एवं विकास केंद्र (सीईपीआरडी), इंदौर द्वारा आयोजित पर्यावरण गोष्‍ठी में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण सेवाओं के लिए वरिष्‍ठ सामाजिक कार्यकर्त्‍ता, पत्रकार, पर्यावरण विकास पत्रिका...
ऐसे समय में जब देश व प्रदेश के अधिकांश मीडिया संस्थान सदी के अप्रतिम गायक कुमार गंधर्व को उनके सौवें जन्म दिन पर लगभग विस्मृत कर चुके हो, उन्हें बेहद निजी रूप से याद करना एक कमाल ही है।...
इंदौर, 27 मार्च। समाज सेविका रिटायर्ड मेजर अनुराधा जैन रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। सोमवार की सुबह Khargone खरगोन में उनका अंतिम संस्कार उनकी इच्छानुसार आस्था ग्राम ट्रस्ट की भूमि पर ही हुआ। Retired Major Anuradh मेजर...
डॉक्टर वैदिक उस ख़ाली होती गुल्लक से लगातार निकलते रहने वाली आवाज़ थे। वे एक ऐसे खरे सिक्के थे जो दुनिया के चाहे जिस भी कोने में रहे , उनकी खनक इंदौर की गुल्लक से सुनाई देती रहती थी।...

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