स्‍मृति शेष : डॉ. सुरेश मिश्र चौरासी साल का एक भरा-पूरा बेहद सम्पन्न जीवन गुजारने वाले सुरेश मिश्र को कैसे याद रखा जा सकता है? उनका एक बड़ा गुण था - सभी के प्रति ढेर सारा स्नेह। यह स्नेह उन...
इंदौर, 19 मार्च। आगामी 26 मार्च से तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह का आयोजन इंदौर में किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रतिष्ठित रंगमंच कलाकारों और लेखकों को सम्मानित किया जाएगा। अभिनव रंगमंडल (उज्जैन, इंदौर) के 39वें नाट्य...
गांधीवादी, समाजकर्मी शोभना रानाडे का 99 वर्ष में निधन पुणे, 4 अगस्‍त। गांधीवादी विचारों की प्रचारक, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता, दूरदर्शी गांधीवादी, पद्मभूषण श्रीमती शोभना रानडे का 4 अगस्‍त 24 को प्रातः पुणे में निधन हो गया। पूना में जन्‍मीं शोभना...
31 अक्टूबर : सरदार पटेल की 145वीं जयंती भारत छोड़ो आंदोलन में अनेक राष्ट्रभक्तों ने अपने अपने ढंग से इस पवित्र यज्ञ में अपनी आहुति दी थी। इनमें सरदार वल्लभभाई पटेल ऐसा नाम है,जिसने गोरी हुक़ूमत को अपने तेवरों...
प्रभु जोशी / श्रध्‍दा सुमन इस कठिन समय में एक के बाद एक महत्वपूर्ण करीबी व्यक्तित्व हमसे बिछुड़ रहे है। यह हमारे समय का सबसे भीषणतम दौर है...। प्रभु जोशी जी का जाना हमारे लिए अपूरणीय व्यक्तिगत पारिवारिक क्षति है।...
12 मई : जन्‍म दिवस प्रसंग कृष्णमूर्ति Jiddu Krishnamurthy ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्कूल में शिक्षक और छात्र दोनों ही जीवन के बुनियादी सवालों की पड़ताल करें बगैर किसी दबाव के। यह पड़ताल बाहरी दुनिया से शुरू...
हमारे समय,खासकर आजादी के बाद के इतिहास में जयप्रकाश नारायण का होना एक महत्वपूर्ण पडाव की तरह है। सत्तर के दशक में ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ आंदोलन की अगुआई करते हुए उन्होंने पहली बार तत्कालीन राजसत्ता को चुनौती दी थी और...
झाबुआ । महाराष्ट्र विकास केंद्र द्वारा पुणे में आयोजित एक भव्य समारोह में जल संरक्षण और सामुदायिक जागरूकता के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए नीलेश देसाई को प्रतिष्ठित 'जलमित्र पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। 29 दिसंबर 2024 को...
स्‍मृति शेष : करुणाताई फुटाणे गांधी विचारक ग्रामसेवा मंडल गोपुरी की अध्यक्ष करुणाताई फुटाणे का 66 वर्ष की आयु में 3 अगस्‍त सुबह 6 बजे गोपुरी स्थित उनके घर पर निधन हो गया। वह कई दिनों से बी.पी.और शुगर से...
जिस तेजी से शहरों के विकास हो रहे हैं, उसने नगर-नियोजन की अहमियत कई गुना बढ़ा दी है। इसमें उस आबादी का खास महत्व है जो आसपास के गांव-खेडों से रोजगार की आस में शहरों की तरफ खिंची चली...

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