न्यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी भूमंडलीकरण की असफलता और जलवायु संकट के चलते संपूर्ण गांधीवाद एक बार पुनः पूर्णतया प्रासंगिक हो गया है अतएव कुमारप्पा भी उतने ही महत्वपूर्ण बन गए है। कुमारप्पा जी सही अर्थों में ग्रामीणजनों के उद्धारक या ऋषि...
12 मई : जन्‍म दिवस प्रसंग कृष्णमूर्ति Jiddu Krishnamurthy ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्कूल में शिक्षक और छात्र दोनों ही जीवन के बुनियादी सवालों की पड़ताल करें बगैर किसी दबाव के। यह पड़ताल बाहरी दुनिया से शुरू...
2021 में प्रकाशित ‘आज़ादी’ नामक निबंध संकलन के फ्रेंच अनुवाद के लिए मिला सम्मान नयी दिल्ली, 18 जून। जानी मानी लेखिका अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) को वर्ष 2023 का 45वां ‘‘यूरोपियन एसे प्राइज फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट’’ (European Essay Prize)  सम्मान...
देश के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सहृदय, मृदुभाषी, सरल एवं ईमानदार होने के साथ-साथ पेड़ों एवं पशु-पक्षियों के प्रेमी भी थे। सन् 1989 में डॉ. कलाम के नेतृत्व में बनी ‘अग्नि मिसाइल’ की सफलता पूर्वक लान्चिंग...
टोक्यो में 11 मई 2023 को दिया जायेगा पुरस्‍कार प्रख्यात गांधीवादी, सर्वोदयी नेता एवं एकता परिषद के संस्थापक और श्री राजगोपाल पी.व्ही. को न्याय और शांति की सेवा में उनके असाधारण कार्य के लिए दुनिया की प्रतिष्ठित संस्था निवानों...
पत्रकारिता में शुरुआत से ही एक विधा रही है, ‘फ्री-लांस’ या स्वतंत्र लेखन व मीडिया-कर्म की। यह लेखन बिना किसी मीडिया संस्थान से औपचारिक सम्बन्ध बनाए लगातार लिखने और जीवन-यापन करने पर आधारित रहता है। ऐसे ही एक लेखक-मित्र...
मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में सन 1987 से भील और भिलाला समुदाय के उत्थान के लिए काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश देसाई को वर्ष 2022 के लिए प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया है। नीलेश को...
स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी एचएस डोरेस्वामी का 104 साल की उम्र में निधन। हाल में ही कोरोना को दी थी मात। डोरेस्वामी कभी किसी राजनीतिक पद पर नहीं रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपना जीवन लोगों की सेवा में लगा...
दिनेश चौधरी दीगर चीजों के अलावा कोलकाता मुझे इसलिए भी अपनी ओर खींचता रहा कि यहाँ सत्यजीत रे रहा करते थे। कोलकाता अपने किस्म का अद्भुत शहर है और सत्यजीत रे अपने किस्म के अद्भुत फिल्मकार थे। किस्से- कहानियों की...
अलविदा मिलान कुंडेरा अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध उपन्यासकार 94 वर्षीय Milan Kundera मिलान कुंदेरा का 12 जुलाई को निधन हो गया। 'द अनवियरेबल लाइटनेस ऑफ वींग' उनका मशहूर उपन्यास है। पहला उपन्यास 'द जोक' 1967 में प्रकाशित हुआ था, जिसमें चेकेस्लोवाकिया कम्युनिष्ट...

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