तमाम लोग जो खरगोन से उठ रहे धुएँ के अलग-अलग रंगों का दूर से अध्ययन कर रहे हैं उन्हें एक नया मध्य प्रदेश आकार लेता नज़र आ रहा है। एक ऐसा मध्य प्रदेश जिसकी अब तक की जानी-पहचानी भाषा...
हमारा शिक्षा तंत्र बुनियादी समझ विकसित करने में जितना विफल रहा है उतना ही विफल आर्थिक एवं अन्य उद्देश्यों को पूरा करने में भी रहा है। युवाओं में बेरोजगारी एवं अल्प रोजगार दर बढ़ाने में इस तंत्र की मुख्य...
भारत के राजनीतिक पटल पर डॉ. अंबेडकर का आगमन जाति प्रथा के खिलाफ संघर्ष से आरंभ हुआ और गोलमेज कांफ्रेंस से लेकर ‘पूना पेक्ट,’ महात्मा गांधी से विरोध और संविधान निर्माण तक व्यापक रहा। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अहिंसक...
जातियों, धर्मों, लिंगों और वर्गों में विभाजित हमारे समाज में क्या दंगे यूं ही, बे-वजह या तात्कालिक वजहों से हो जाते हैं? या फिर कईयों के सतत प्रयासों, कारनामों से इन्हें अंजाम दिया जाता है? क्या आपस की मारामार...
भरपूर मुनाफे के साथ-साथ देशभर में बवाल काट रही फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ ने हमारे सिनेमा को भी एक खास मुकाम तक पहुंचा दिया है। कल तक, जहां इस तरह की लगभग हरेक फिल्म में, भले ही कहने भर को,...
डर अब ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ देखने को लेकर नहीं बल्कि इस बात पर सोचने से ज़्यादा लग रहा है कि अब अगर विभाजन की ‘वास्तविकता’ पर फ़िल्में बनाईं गईं तो वे कैसी होंगी? क्या विभाजन की त्रासदी पर (...
आजकल सरकारों के सालाना बजट में तरह-तरह के प्रयोग होने लगे हैं। हाल में विधानसभा में प्रस्तुत किए गए मध्यप्रदेश के बजट में ‘चाइल्ड बजट’ उसी तरह का एक प्रयोग है। इसे राज्य के अनेक विभागों को आवंटित राशि...
हर इतिहास के काले व सफेद पन्ने होते हैं, कुछ भूरे व मटमैले भी. वे सब हमारे ही होते हैं. कितनी फाइलें खोलेंगे आप ? दलितों-आदिवासियों पर किए गए बर्बर हमलों की फाइलें खोलेंगे ? आप थक जाएंगे इतनी...
मध्यप्रदेश हेरिटेज (पारंपरिक) शराब नीति 2022 में आदिवासियों को महुए की शराब बनाए जाने को अनुमति दी गई है। फिलहाल, महुआ से शराब बनाया जाना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में डिंडोरी और आलीराजपुर में लागू होगा। जहां तक पारम्परिक...
महिलाओं की क्षमताओं और समाज में उनकी हैसियत के बारे में सभी को न सिर्फ याद रखना चाहिए, बल्कि उसे बार-बार गुनना चाहिए, भले ही इस प्रक्रिया में हमें थोडी ऊब ही क्यों न हो। ‘महिला दिवस’ मनाने की...