गंगा अविरलता के बिना निर्मल नहीं हो सकती

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नदियों में लगातार बढ़ती गाद नदियों के अस्तित्व के लिए खतरा बनती जा रही है। पिछले 60 वर्षों में नदियों में निरन्तर घट रही...

प्लास्टिक पर पाबंदी: कानूनी पहल जरूरी

प्लास्टिक कचरा एक विकट समस्या बन चुका है। प्लास्टिक और पॉलीथिन के बढ़ते उपयोग को रोकने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कानून भी बनाया...

शराबबंदी को टालती सरकारें

किसी भी हाइवे से शराब की दुकानें कम-से-कम 500 मीटर की दूरी पर हों-सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश को लेकर शराब ठेकेदारों, शराब उत्पादकों...

आदिवासी जानते हैं स्वाद और पौष्टिकता

आदिवासी समाज के पास खान-पान का अपना एक तंत्र है। यह अपने आप में पूर्ण है तथा इसी के चलते आदिवासी समाज शताब्दियों से...

डॉ. जे. सी. कुमारप्पा: ग्रामीण भारत की आवाज

डॉ.कुमारप्पा अहिंसक अर्थव्यवस्था के जबरदस्त पैरोकार थे। गांधीजी के ग्रामोद्योग व ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विचारों को उन्होंने सबसे अच्छे ढंग से संप्रेषित किया। आजादी...

खतरे में आदिवासी : विकास की अवधारणा का शिकार

भारत में निवास कर रहा आदिवासी समुदाय ’’विकास’’ की आधुनिक अवधारणा का शिकार होकर धीरे-धीरे अपने पारंपरिक रहवास से बेदखल हो रहा है। बांध...