आज के समय में अर्थ-व्यवस्था को लेकर दिए गए गांधीजी के विचारों की प्रासंगिकता उजागर होने लगी है। अनेक राष्ट्र-प्रमुखों से लगाकर चोटी के अर्थशास्त्रियों तक कई लोग हैं जिन्हें गांधी के आर्थिक विचारों पर भरोसा होने लगा है।...
महात्मा गांधी का जीवन उनकी मृत्यु के बाद से ही फिल्मकारों की पसंद का ‘विषय’ रहा है। अनेक ख्यात फिल्मकारों ने गांधी के घटना-प्रधान जीवन पर अपने-अपने लहजे में फिल्में रची हैं।
गांधी जैसी महान शख्सियत को किसी भी...
ध्यान से देखें तो आजादी के बाद से ही गांधी और उनके बाद विनोबा ने लगातार हमारे विकास की बातें की हैं। ये बातें सम-सामयिक सत्ता-प्रतिष्ठानों को कभी नहीं सुहाई और नतीजे में अब हम विकास को विनाश की...
आजकल किसानों और किसानी से जुडे लोगों के बीच भारी बेचैनी दिखाई दे रही है। हाल में केन्द्र सरकार द्वारा संसद में पारित करवाए गए तीन कानूनों को लेकर देशभर में धरना, प्रदर्शन, चक्काजाम और रैलियां जारी हैं। क्या...
इन दिनों देशभर के किसान संसद द्वारा पारित तीन कानूनों को लेकर बेचैन हैं। इन कानूनों के विरोध में जगह-जगह धरना, प्रदर्शन जारी हैं और इनकी मार्फत सरकार से कहा जा रहा है कि वह इन कानूनों को वापस...
केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए दो कानूनों और एक संशोधन के विरोध में इन दिनों देशभर में किसानों ने आंदोलन खडे कर रखे हैं। इन आंदोलन की बुनियादी मांगों के साथ गांधी की तजबीज भी जुड जाए तो कैसा...
आज की राजनीतिक जमातों, उनकी उठा-पटक और सत्ता पर चढने-उतरने की उनकी कवायद के बरक्स गांधी को रखकर देखें तो क्या नतीजे निकलते हैं? क्या गांधी ने इस तरह की राजनीतिक विरासत की कल्पना भी की थी? हाल में...
महात्मा गांधी : 150वां जयंती वर्ष
गांधी की ज़रूरत के प्रति एक ईमानदार अभिव्यक्ति की पहली शर्त ही यही है कि हम इन हिंसक आत्मघाती दस्तों का अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीक़ों से प्रतिकार करने के लिए अपने शरीरों के...
विन्सेंट शीन लिखते हैं कि गांधी ने पूरी दुनिया की आत्म का छू लिया था। गांधी पर 1927 में रेने फुलम मिलर ने एक किताब लिखी। उसका शीर्षक था- लेनिन एंड गांधी। लेकिन तब तक गांधी को गंभीरता से...
2 अक्टूबर : गांधी जयंती पर विशेष
आज के समय में सर्वाधिक उपयुक्त,सक्षम और सर्वजन-हिताय विचार महात्मा गांधी की कथनी और करनी से लिए जा सकते हैं। गांधी के विचार केवल भारत या भारतीय उपमहाद्वीप भर के लिए नहीं हैं,...