बहुत सीमित संसाधनों में भी जीवन निर्वाह हो सकता है, यह भाई जी से सीखा जा सकता है। दो खादी के झोलों में दो जोड़ कपड़े, एक टाइपराइटर, डायरी, कुछ किताबें, कागज और पोस्टकार्ड यही उनका घर था। हमेशा...
श्रद्धांजलि गांधी विचार को आत्मसात करके जीने और उससे लगातार समाज को सम्पन्न करते रहने वाली पीढी के एक अप्रतिम व्यक्ति भाईजी यानि एसएन सुब्बराव (93 वर्ष) हाल में हमसे सदा के लिए विदा हो गए हैं। प्रस्तुत है,‘सप्रेस’ के...
डॉ. एस.एन. सुब्बराव ‘भाई जी’ के निधन से गांधीवादी समाज रचना और नव निर्माण के लिए पिछले करीब सत्तर वर्षों से अपना जीवन खपा देनेवाले एक बिरले कर्मयोगी का अवसान हो गया है। गांधी- विनोबा की विचारधारा से...
स्‍मृति शेष : एस एन सुब्‍बराव कुमार कृष्णन 93 वर्षीय प्रख्यात गांधीवादी चिंतक एवं विचारक पदमश्री से सम्‍मानित डॉ. एसएन सुब्बराव ‘भाई जी’ का 26 अक्‍टूबर की देर रात निधन हो गया। गांधीवादी व्‍यक्तित्‍व के रूप में माने जाने वाले एस.एन...
27 अक्‍टूबर । 93 वर्षीय प्रख्यात गांधीवादी चिंतक एवं विचारक पदमश्री से सम्‍मानित डॉ. एसएन सुब्बराव ‘भाई जी’ का 26 अक्‍टूबर की देर रात जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में निधन हो गया। तीन दिन पूर्व उन्‍हें सांस में...
जयपुर, 26 अक्‍टूबर । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन के सहभागी रहे स्वतंत्रता सेनानी व प्रख्यात गांधीवादी चिंतक एवं विचारक पदमश्री डॉ. एसएन सुब्बराव,  जिनको ‘भाई जी’ के नाम से जाना जाता है, जयपुर के सवाई मानसिंह...
दुनिया-जहान में महिला अधिकारों की मुखर पैरोकार की हैसियत से जानी-पहचानी गईं कमला भसीन पिछले सप्ताह(25’ सितंबर ‘21) हमसे सदा के लिए विदा हो गईं हैं। उनके लंबे, संघर्षपूर्ण जीवन और काम-काज के बारे में लिखना यूं तो कठिन...
कमला भसीन  : स्‍मृति शेष अपने आसपास कुछ व्यक्तित्व ऐसे रहते हैं जो जीवन के कई पाठ सिखाते चलते हैं। वे स्वयं एक किताब होते हैं। ऐसी किताब जिसके हर पृष्ठ पर जीवन की आशाएं, उमंग, कामयाबी और बहनापा हो।...
श्रद्धांजलि : कमला भसीन वे बहुत जिंदादिल थीं इसलिए बहुत मजबूत थीं; वे बहुत मजबूत थीं इसलिए कटु नहीं थीं; वे कटु नहीं थीं इसलिए बहुत मानवीय थीं। पुरुष के आधिपत्य से और उसके अहंकार से वे बहुत बिदकती थीं।...
महात्मा गांधी की रचनात्मक विरासत को संभालने वाले विनोबा भावे अपनी किन मान्यताओं और उन पर आधारित कैसे व्यवहार की वजह से जाने-पहचाने जाते हैं? और एक आम व्यक्ति की हैसियत से इसे कैसे समझा जा सकता है? प्रस्तुत...

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