दो दशक तक नई पेंशन योजना को आज़माने के बाद कई राज्य फिर से पुरानी की ओर जा रहे हैं। लाखों कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर जीवन की मांग कर रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार बार बार वित्तीय संकट का हवाला दे रही है। यदि धन की कमी मुद्दा है तो क्या राजस्व में अपर्याप्त वृद्धि के बारे में पूछना प्रासंगिक नहीं है? उदारीकरण के बड़े-बड़े वादों और कॉरपोरेट्स को टैक्स में दी गयी भारी छूट का क्या हुआ? क्यों राजस्व की तिजोरी हमेशा शिक्षा,स्वास्थ्य जैसे सामाजिक व्यय में कमी करके ही भरी जाती है! इन्ही सवालों के संदर्भ में पेश है सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी टीम व्दारा तैयार ‘हमारा पैसा हमारा हिसाब‘ का नया एपिसोड।
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1 टिप्पणी

  1. नयी पेंशन योजना या पुरानी पेंशन योजना? क्या है असल कहानी?
    द्वारा कविता कबीर -April 5, 2023
    इस में एक तथ्यात्मक त्रुटी है. पुरानी पेंशन योजना में पेंशन अंतिम वेतन का 50 तभी होती है जब पूरी अवधि की नौकरी हो. अन्यथा नौकरी की अवधि के अनुपात में पेंशन मिलती है. इस वीडियो में 13 साल की नौकरी पर भी पूरी पेंशन मिलने का ज़िक्र है. यह सही नहीं है. कृपया इस भूल को सुधर लें.

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