कोठी बिल्कुल जर्जर अवस्था में पहुँच चुकी है। सामने खड़े होने पर लगता है कि अपने ही ऊपर गिर पड़ेगी। यहाँ मियाँ बशीरुद्दीन से भेंट होती है। बुजुर्ग हैं। शूटिंग के दिनों के गवाह हैं। कोई महीने भर चली...
किसान आंदोलन पर भी शिद्दत और नासमझी से सवाल उठाया गया है कि लाखों लोगों के भोजन (लंगर) और दूसरी व्यवस्थाओं का इंतजाम आखिर कैसे और कौन कर रहा है? कुछ अधिक ‘कल्पनाशील’ शहरी इसमें कनाडा, इंग्लेंड, अमरीका और...
जनता को इस समय अपनी जान के मुक़ाबले ज़्यादा चिंता इस बात की भी है कि जैसे-जैसे लॉक डाउन ढीला हो रहा है और किराना सामान की दुकानें खुल रही हैं, सभी तरह के अपराधियों के दफ़्तर और उनके...
वैसे देखा जाए तो बकासुर की यह कथा विज्ञान और तकनीक पर न्यौछावर विद्वानों से लेकर अहर्निश भक्तिभाव में डूबे धर्म-प्राणों तक सभी में कमोबेश मौजूद रहती है। सभी को लगता है कि संकट या समस्या का एकमात्र इलाज...
73वें ‘स्‍वतंत्रता दिवस’ (15 अगस्‍त) पर विशेष स्‍वाधीनता, स्‍वावलंबन और भय-मुक्ति मानव सभ्‍यता की बुनियाद हैं। इन्‍हें साधना, एक सम्‍पन्‍न समाज और सभ्‍यता के निर्माण के लिए बेहद जरूरी है। प्रस्‍तुत है, इसी विषय पर प्रकाश डालता अनिल त्रिवेदी का यह लेख। आज़ादी, स्वाधीनता, फ्रीडम, स्वतंत्रता...
क्या वे अपने जैसे नर्मदा तट के उन लाखों रहवासियों के बारे में कभी सोच पाते हैं जिन्हें बड़े बांधों के नाम पर अपने-अपने घर-बार से जबरन खदेड़ दिया गया है और जिनके पुनर्वास के बारे में विचार तक...
देश का पूरा ध्यान एक अभूतपूर्व संकट से सफलतापूर्वक भटका दिया गया है। चालीस सालों में पहली बार इतना बड़ा आर्थिक संकट, करोड़ों लोगों की बेरोज़गारी, महामारी से प्रतिदिन संक्रमित होने वालों के आँकड़ों में दुनिया में नम्बर वन...
मौजूदा स्थितियां बता रही हैं कि अगर बेकारी एक समृद्ध अर्थव्यवस्था में आएगी तो लोगों के पास समय रहेगा और वे अपने समुदाय की सेवा और भलाई पर ध्यान देंगे। बच्चों और बूढ़ों की देखभाल करेंगे और अच्छा साहित्य...
हाल में सुप्रीमकोर्ट के निर्देश पर दिल्‍ली में झुग्‍गी बस्तियों के 48 हजार परिवारों को अपनी जमीन से हटाने की रेलवे की पहल पर सरकार ने रोक लगा दी है। दिल्‍ली और देशभर में खलबली मचाने और गरीबों के...
20 अगस्त’ : ‘नेशनल साइंटिफिक-टेम्पर दिवस’ श्याम बोहरे कई घटनाओं को देखकर हमारे मन में कई सवाल उठते होगें। उन सवालों को दबाने की बजाय उन पर और विचार करना, उन्हें और विकसित होने देना और उनसे सीख पाना एक तार्किक तरीका है जो हमें...

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