भारत में घुमंतू, अर्ध-घुमंतू और गैर-अधिसूचित जनजातियों के संरक्षण और भविष्य की योजनाओँ पर विचार विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। गैर-अधिसूचित जनजातियों, घुमंतू जनजातियों और अर्ध-घुमंतू जनजातियों को भी गरिमा पूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। ऐसे समुदायों...
आदिवासियों में महुआ एक बहु-उपयोगी पेड होता है, इसलिए कई जनजातियां उसे अपने देवी-देवताओं, पुरखों से भी जोडकर देखती हैं। महुए का एक उपयोगी उत्‍पाद है, तेल। इसके औषधीय गुणों की चर्चा आयुर्वेद में की गई है। महुआ के...
विकास के मौजूदा धतकरम के मुकाबले दुनियाभर के आदिवासियों की सभ्यता, संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान आदि को देखें तो आसानी से समझा जा सकता है कि हम कथित आधुनिक लोगों को उनसे सीखकर खुद को बचा पाने की जरूरत...
संविधान में आदिवासियों को मिले विशेष दर्जे को आमतौर पर अनदेखा किया जाता रहा है। मसलन – राज्यपालों को अनुसूचित क्षेत्रों में विशेषाधिकार दिए गए हैं, ताकि वे आदिवासियों की विशिष्ट जीवन पद्धतियों, खान-पान और भाषा आदि को देखते...
समाज विज्ञानी और शिक्षा के कार्य में जुटे अंनत गंगोला का युवा बेटा अंबर पिछले दिनों इस दुनिया से अपना रिश्ता निभाकर किसी और यात्रा पर निकल गया। अंबर का जीवन खुशियां और प्रेम से भरपूर था, वहीं ऊष्मा,ऊर्जा...
संसद में अपने पारित होने के करीब 26 साल बाद मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटैल ने ‘पंचायत उपबंध (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम – 1996’ यानि ‘पेसा’ को लागू करने के लिए संबंधित विभागों की सहमति मांगी है। जैसा...
वन अधिकार कानून को लेकर एकता परिषद का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू भोपाल, 7 दिसंबर । वन मान्यता अधिनियम के लागू होने के 15 वर्षों के बाद भी वंचित आदिवासी समुदाय अपने हक और अधिकार से महरूम है। इन...
नियामगिरी सुरक्षा समिति के आदिवासी नेताओं और समर्थकों के खिलाफ़ यू.ए.पी.ए - एफ.आई.आर और बेबुनियाद आरोप खारिज करने की मांग   मुंबई, 22 अगस्‍त। देशभर के 20 राष्ट्रीय नेटवर्क / संगठनों, 40 जन संगठनों और 350 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं,...
मध्यप्रदेश में आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में नर्मदा-तट के गांव ककराना को भी, आसपास के कई गांवों की तरह, सरदार सरोवर परियोजना की डूब का सामना करना पडा था, लेकिन इलाके में सक्रिय ‘खेडूत मजदूर चेतना संगठ’ से जुडे...
5 जून को भोपाल में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन होगा भोपाल, 28 मार्च। एकता परिषद सहित विभिन्न जनसंगठनों ने आज भोपाल में ‘‘पंच ज’’-जल, जंगल, जमीन, जन और जानवर-के संरक्षण, संवर्धन और आजीविका विषय को लेकर प्रदेश भर के आदिवासियों के साथ...

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