अजीब बात है कि अपने आसपास रहने-बसने वाले घुमन्‍तु लोगों के बारे में आम समाज निरा अनजान है और उन्‍हें ज्‍यादा-से-ज्‍यादा अपराधिक जातियों की तरह पहचानता है। कौन हैं, ये ‘विमुक्‍त’ और ‘घुमन्‍तु’ समुदाय? आम समाज के कितने लोगों...
वन पंचायत संघर्ष मोर्चा की मतदाताओं, प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों से अपील जल, जंगल, जमीन पर स्थानीय समाज के हकों के सवाल ने उत्तराखंड राज्य को जन्म दिया था, परंतु इतने संघर्षों के पश्चात राज्य में यह हक निरंतर घटते...
चाहे विधानसभाओं, संसद के चुनाव हों या जगह-जगह जारी समाजसेवा,नक्सलवाद हो या मौजूदा विकास की परियोजनाएं,आदिवासियों के बिना किसी की कोई दाल नहीं गलती। दूसरी तरफ,वे ही आदिवासी सर्वाधिक बदहाली भी भोगते हैं। देशभर में करीब आठ फीसदी आबादी...
आधुनिक कथित वैज्ञानिक वानिकी की एक खासियत यह भी है कि वह पीढियों से चले आ रहे वनों के कारगर, परम्परागत प्रबंधन को अनदेखा करते हुए उन्हें लगभग मूर्खतापूर्ण ढंग से खारिज करती है। उत्तराखंड में भी करीब नौ...
नियामगिरी सुरक्षा समिति के आदिवासी नेताओं और समर्थकों के खिलाफ़ यू.ए.पी.ए - एफ.आई.आर और बेबुनियाद आरोप खारिज करने की मांग   मुंबई, 22 अगस्‍त। देशभर के 20 राष्ट्रीय नेटवर्क / संगठनों, 40 जन संगठनों और 350 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं,...
देश-भर के आंदोलनों ने की मांग देश के अलग अलग भौगोलिक क्षेत्रों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय के  राष्ट्रीय नदी घाटी मंच द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्र और राज्य सरकारों की विकास संबंधित...
आदिवासियों में महुआ एक बहु-उपयोगी पेड होता है, इसलिए कई जनजातियां उसे अपने देवी-देवताओं, पुरखों से भी जोडकर देखती हैं। महुए का एक उपयोगी उत्‍पाद है, तेल। इसके औषधीय गुणों की चर्चा आयुर्वेद में की गई है। महुआ के...
भारत में घुमंतू, अर्ध-घुमंतू और गैर-अधिसूचित जनजातियों के संरक्षण और भविष्य की योजनाओँ पर विचार विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। गैर-अधिसूचित जनजातियों, घुमंतू जनजातियों और अर्ध-घुमंतू जनजातियों को भी गरिमा पूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। ऐसे समुदायों...
बसनिया बांध को निरस्त करने हेतु विधायक मर्सकोले ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र नर्मदा नदी पर बनने वाले छोटे बडे बांधों की श्रृखंला में मंडला के बसनिया बांध को पूर्व में निरस्‍त कर दिया गया था। लेकिन हाल ही...
वन अधिकार कानून को लेकर एकता परिषद का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू भोपाल, 7 दिसंबर । वन मान्यता अधिनियम के लागू होने के 15 वर्षों के बाद भी वंचित आदिवासी समुदाय अपने हक और अधिकार से महरूम है। इन...

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