24 कार्यकर्ताओं और आदिवासियों के प्रवेश पर दो माह की रोक पर नागरिकों ने जताई गहरी चिंता
मुंबई, 13 जून। ओडिशा के रायगडा जिले में शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित पर्यावरण दिवस कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ...
आदिवासी क्षेत्रों में शांति और सुशासन की पहल हेतु जन स्वाभिमान यात्रा आरंभ
मंडला/बालाघाट। जन संघर्ष मोर्चा महाकौशल द्वारा 9 जून से 24 जून 2025 तक ‘जन स्वाभिमान यात्रा’ निकाली जा रही है। यह यात्रा धरती आबा बिरसा मुंडा की...
रांची 30 मई . झारखंड के आदिवासी बहुल जिलों से बड़ी संख्या में आए आदिवासी, मूलवासी लोग रांची राजभवन के समक्ष जुटे लोग और हुंकार भरी कि हेमंत सरकार अपने चुनावी वादे पूरी करे। मौका था झारखंड जनाधिकार महासभा...
"पहले गाँव में व्यवस्था लाओ, फिर केवाईसी माँगो" — आदिवासियों का सरकार से सवाल
बड़वानी, 13 मई। मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले में सोमवार को जागृत आदिवासी दलित संगठन के नेतृत्व में हज़ारों आदिवासी महिला-पुरुषों ने रैली निकालकर सरकार की...
मध्यप्रदेश में वन भूमि अतिक्रमण को लेकर सरकारी आंकड़ों और दावों में गंभीर विरोधाभास सामने आया है। एनजीटी में प्रस्तुत हलफनामे में जहां 5.46 लाख हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण की बात मानी गई है, वहीं वन विभाग की रिपोर्टें...
वन और वन्यप्राणियों से लेकर अपने समय और समाज को हथेली पर बांचने वाली ‘घुमंतू और विमुक्त’ महिलाऐं, अपने घर-परिवारों के साथ अक्सर रास्तों के किनारे अस्थायी बस्तियों में दिखाई दे जाती हैं। सहज, नैसर्गिक जीवन के अभावों से...
नई दिल्ली, 27 मार्च। केंद्र सरकार की चुप्पी के चलते देशभर में लाखों आदिवासी और वनवासी समुदायों पर बेदखली का खतरा मंडरा रहा है। देश के सौ से अधिक जन संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकारों से अपना संवैधानिक...
विकास के मौजूदा धतकरम के मुकाबले दुनियाभर के आदिवासियों की सभ्यता, संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान आदि को देखें तो आसानी से समझा जा सकता है कि हम कथित आधुनिक लोगों को उनसे सीखकर खुद को बचा पाने की जरूरत...
आजादी के बाद जिस अवधारणा को बार-बार याद करने की जरूरत है, वह स्वराज है। गांधी की मार्फत आई हमारे देसी समाज की यह अवधारणा अनेक संकटों की समझ देकर उनसे निजात दिला सकती है। कुछ समाजसेवी हैं जो...
निमिषा सिंह
देश की आबादी में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 8.6% है, लेकिन विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापित होने वाले लोगों की कुल संख्या में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 40 प्रतिशत है। जाहिर है, जनजातीय लोगों को जो भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची से आच्छादित हैं, भूमि-अधिग्रहण, विस्थापन...