होम विज्ञान और प्रौद्योगिकी

विज्ञान और प्रौद्योगिकी

सूर्य ग्रहण और चन्द्रग्रहण पर एक पिता का पुत्रवधू को लिखा एक खुला पत्र अभी हाल ही में पिछले माह 5 जून से 5 जुलाई 2020 के बीच तीन ग्रहण - एक सूर्य ग्रहण और दो चन्द्रग्रहण पडे। इन ग्रहणों...
पिछले दो-ढाई दशकों से सम्‍पत्ति की परिभाषा बदल रही है। अब रुपए-पैसे, जमीन-जायदाद आदि की बजाए ‘सूचनाओं’ को अहमियत दी जाने लगी है। जाहिर है, यह ‘सम्‍पन्‍नता’ भी चोरों की निगाह से बच नहीं पा रही। सवाल है कि...
20 अगस्त’ : ‘नेशनल साइंटिफिक-टेम्पर दिवस’ श्याम बोहरे कई घटनाओं को देखकर हमारे मन में कई सवाल उठते होगें। उन सवालों को दबाने की बजाय उन पर और विचार करना, उन्हें और विकसित होने देना और उनसे सीख पाना एक तार्किक तरीका है जो हमें...
आम लोगों के वोट की मार्फत सत्‍ता पर काबिज होने वाली सरकारें, अब हर तरह की लाज-शर्म को तिलांजलि देकर बेशर्मी से पूंजी और उद्योगों के हित में खडी हो गई हैं। मध्‍यप्रदेश में इसकी बानगी ऊर्जा या बिजली...
आईआईटी रूड़की के वैज्ञानिकों ने शुरू किया अध्ययन spsmedia.in वैश्विक स्तर पर हुए अध्ययन में यह साबित हुआ है कि पिछले 20 वर्षों में मीथेन, कार्बन डाई ऑक्साइड के मुकाबले जलवायु परिवर्तन में 86 गुना ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है। ऐसे...
पर्यावरण संरक्षण की योजनाएं अक्सर समाज के हाशिए पर बसे लोगों को बेदखल करके बनती, बनाई जाती हैं, जबकि थोडी समझदारी रखी जाए तो उसी समाज की सहभागिता से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ रोजगार भी पैदा किए जा सकते...
ग्लासगो में भारत के साल 2070 तक नेट ज़ीरो होने की घोषणा के बाद से नेट ज़ीरो ख़ासा चर्चित शब्द बन गया है। इतना कि गूगल पर “नेट ज़ीरो क्या होता है” सर्च करते ही 0.74 सेकंड में 3,78,00,00,000 नतीजे सामने आने लगे है। भारत के...
एप्को के पर्यावरण प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा छात्रों ने समझी पर्यावरण सम्‍मत जीवनशैली के मायने इंदौर, 1 मार्च । भोपाल स्थित पर्यावरण योजना एवं समन्वय संगठन (एप्को) के पर्यावरण प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा के छात्रों ने शैक्षिक भ्रमण के दौरान...
देश में 60-62 फीसदी सिंचाई के लिए जिम्मेदार मानसून बहुत आनंददायी होता है। उत्सव के दर्जे का ऐसा मानसून अपने साथ कई ऐसी आपदाएं भी लाता है जिनसे निपट पाना अक्सर कठिन होता है। मानसून एक तरफ जहां आनंद, उल्लास...
अंग्रेजी के विज्ञान- उपन्यासकार एचजी वेल्स,आइजक आसीमोव आदि की काल्पनिक कथाओं के बाद पचास के दशक में जार्ज ऑरवेल ने अपने उपन्यास ‘1984’ की मार्फत बताया था इंसानों पर यदि मशीनें राज करने लगेंगी तो क्या होगा। अब लगता...

Last 5 Post

नये समाचार