भारत के आम चुनावों में भारतीय मतदाता को केवल अपना मनपसंद जनप्रतिनिधि निर्वाचित करने का ही अधिकार नहीं है भारत के प्रत्येक मतदाता को निर्वाचन में प्रत्याशियों को नापसंद करने का भी संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। भारतीय मतदाता की...
श्रवण गर्ग लता मंगेशकर, कर्नल सी के नायडु,उस्ताद अमीर खाँ और एम एफ़ हुसैन जैसी हस्तियों के शहर इंदौर के कोई 25 लाख मतदाता हैरान-परेशान हैं कि अब 13 मई को उन्हें क्या करना चाहिए जिस दिन चौथे चरण...
दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह, भारत भी कई संकटों का सामना कर रहा है : सत्तावादी राजनीतिक ताकतों का उदय, धार्मिक व जातीय दमन और संघर्ष, पारिस्थितिकी की बदहाली, बेरोजगारी आदि। इस बीच भारत सरकार अपनी नीतियों और कार्यक्रमों की आलोचना करने...
आम चुनाव में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने घोषणा-पत्र तैयार किये हैं, लेकिन अपेक्षाओं के विपरीत भारत की 42 प्रतिशत जनसंख्या, यानी युवाओं और बच्चों के मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं है। कुछ दलों के घोषणा-पत्रों में टोटकों की तरह...
बहुत अधिक पीछे न जाकर पिछले 11-12 वर्षों में घटी प्रमुख त्रासदियों (केदारनाथ, जोशीमठ एवं सिक्किम) त‍था मौसम की चरम घटनाओं को देखते हुए अब यह जरूरी हो गया है कि सभी राजनैतिक दल आगामी लोकसभा चुनाव (2024) में पर्यावरण को महत्व...
आजादी की लड़ाई की शुरुआत की बात है। गांधीजी ने ‘असहयोग आंदोलन’ का आह्वान किया था। वैसी देशव्यापी हड़ताल इतिहास में कभी देखी नहीं गई थी ! लगने लगा था कि अंग्रेजों के पांव उखड़ जाएंगे, लेकिन तभी गांधीजी ने अचानक पूरा...
करोड़ों ग़रीबों को मुफ़्त का अनाज बाँटा जा सकता है पर उन्हें भारत रत्नों से विभूषित करके भी राजनीतिक विपक्ष की तरह तोड़ा नहीं जा सकता। न तो नीतीश और न ही जयंत चौधरी ही देश के असली विपक्ष...
हाल के पांच राज्यों के चुनाव परिणाम देश की दोनों पार्टियों - भाजपा, कांग्रेस के तौर-तरीकों को भी उजागर करते हैं। ये बताते हैं कि इन पार्टियों ने किन तरीकों से अपनी-अपनी चुनावी समर लडी है। क्या हैं, इन...
इन दिनों ‘चुनावी बॉन्डों’ को लेकर सर्वोच्च अदालत और उसके बाहर बहसा-बहसी जारी है। इस योजना पर कईयों में से कुछ आरोप हैं – सत्तारूढ पार्टी को चंदा देकर कॉर्पोरेट, निजी हित साधना, सभी राजनीतिक पार्टियों को समान रूप...
जीत-हार की राजनीति में आकंठ डूबे राजनेता पांच राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों में लगे हैं। इसके कुछ महीनों बाद समूचा देश केन्द्र की सत्ता चुनने में लग जाएगा, लेकिन ऐसे में क्या हमारी मौजूदा हालातों पर विचार करना...

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