लंदन, 16 मार्च 2025। जल संरक्षण के क्षेत्र में अपने अद्वितीय कार्यों के लिए पानी वाले बाबा के नाम से ख्यात राजेन्द्र सिंह ने बकिंघम पैलेस, लंदन में यूनाइटेड किंगडम के किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात की। इस भेंट...
डेढ-पौने दो महीने पहले अमेरिका ने अपने लिए जिस राष्ट्रपति का चुनाव किया था वह डोनॉल्ड ट्रम्प तेजी से समूची दुनिया को हलाकान करने में लगा है। उसने ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ यानि ‘मागा’ के बहाने हाल के बरसों...
तरह-तरह की आधुनिकताओं, विकास और बराबरी के बावजूद आज भी आठ मार्च का ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ प्रासंगिक बना हुआ है और यह साल-दर-साल महिलाओं की हालातों को बयान करता है। आबादी की आधी से अधिक महिलाएं घर, परिवार और बच्चों...
यह शर्मनाक है कि आजादी की तीन चौथाई सदी गुजर जाने के बाद भी हमारी आधी आबादी को साफ-सुथरे शौचालय तक नसीब नहीं हैं। यह बदहाली सार्वजनिक स्थलों पर इतनी तकलीफदेह हो जाती है कि मुम्बई के एक एनजीओ...
‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ (8 मार्च) पर विशेष
बरसों-बरस अपनी मां, बहन, बेटी, बीबी से ‘कुछ नहीं करती हूं’ सुनते और फिर इसी ‘कुछ नहीं’ की बदौलत जिन्दा रहते हम सब क्या इस आधी आबादी को मान देने का कोई तरीका...
विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति व बौद्धिक विरासत की रक्षा करने, भाषायी तथा सांस्कृतिक विविधता एवं बहुभाषावाद का प्रचार करने और दुनियाभर की विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा उनके संरक्षण के लिए यूनेस्को द्वारा हर साल 21 फरवरी...
मध्यप्रदेश के जाने-माने पर्यावरणविद्, लेखक और सामाजसेवी डॉ.ओ.पी. जोशी की पेडों पर हाल में आई किताब ‘बहु आयामी पेड़’ अपने अनूठे अंदाज में पेडों से जुड़ी विविध जानकारी देती है। पेड़ों से जुड़ा कोई प्रसंग इससे अछूता नहीं है, चाहे...
दुनिया भर के जीवन पर मंडराते जलवायु परिवर्तन और परमाणु हथियारों के खतरों से कैसे निपटा जा सकता है? क्या इसके लिए ‘विश्व-सरकार’ का गठन कारगर हो सकता है? कैसी हो सकती है, ऐसी सरकार? इसी की पड़ताल करता...
‘वर्तमान दौर में शांति और मानव गरिमा' विषय पर आयोजित जन-संवाद में डॉ. एवलिन ग्रेडा लिंडनर
इंदौर, 2 फरवरी। एक व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के रूप में हमें सामूहिक जिम्मेदारी से गरिमामय वैश्विक सहयोग की ओर बढ़ना होगा। दुनिया को...
मुनाफे और उसकी खातिर पर्यावरण को नेस्त-नाबूद करने की इंसानी फितरत ने समुद्रों को भी नहीं छोडा है। धीरे-धीरे समुद्र भी मैले और निर्जीव होते जा रहे हैं। क्या है, इसकी वजहें?
हमारी पृथ्वी पर महासागरों का विशेष महत्व...