कोरोना वायरस की मार्फत फैली कोविड-19 बीमारी ने तरह-तरह की समस्याएं पैदा की हैं। इनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण है – स्कूली शिक्षा। शिक्षा की इस बदहाली का तीखा असर झुग्गी बस्तियों की गरीब आबादी को झेलना पड रहा है।
कोविड...
अपने समय में शिक्षा सर्वाधिक विवादास्पद जरूरत बनकर रह गई है। कोई अपने बच्चों को क्यों, कैसी और कितनी शिक्षा दिलाए? इतना सब करने के बाद क्या शिक्षा के घोषित उद्देश्य पूरे हो सकेंगे?
शिक्षा व्यवस्था के दो ध्येय...
वे अपनी कक्षाएं पेड़ों के नीचे, पहाड़ की ढलानों पर, धूल भरे आँगन में, मंदिरों में और मस्जिदों में संचालित की हैं। कुछ राज्यों ने आसपास के समुदायों में व्यवस्थित रूप से कक्षाओं को आयोजित करने के लिए प्रगतिशील...
खेती के जिस व्यवसाय में देश की तीन चौथाई आबादी लगी हो उसका हाल में जारी ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में अपेक्षित जिक्र भी न होना विचित्र है। क्या भूख, उत्पादन और ‘जीडीपी’ जनित अर्थव्यवस्था को साधे रखने तथा सर्वाधिक...
बाजार-वाद के हल्ले में सरकारी अस्पतालों की तरह सरकारी स्कूलों को हम कितना भी गरिया लें, सर्वाधिक लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा इन्हीं की मार्फत मिलती है। तो फिर इन्हीं को बेहतर क्यों नहीं किया जाए? खासकर तब, जब कोविड-19...
राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020
पिछले महीने आई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020’ को लेकर राजनीतिक दलों और शिक्षा के काम में लगे कई समूहों में बेचैनी है। वे मानते हैं कि इस नीति की दम पर शिक्षा का निजीकरण...
कोविड-19 के इन दिनों में केन्द्र की जिद पर देशभर में ‘आईआईटी’ प्रवेश-परीक्षा लेने की मारामारी मची है। पश्चिम बंगाल, उडीसा जैसे कई राज्य इन परीक्षाओं को टालने की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ, विद्यार्थियों के समय बर्बाद...
कहा जाता है कि इंसान की बुनियादी फितरत में आहार, निद्रा, क्रोध, भय और मैथुन शामिल हैं। इनमें से भय हमारे जीवन के सर्वाधिक करीब है। क्या होता है, भय? उसके क्या प्रभाव होते हैं? हमारे मन में भय...
कोविड-19 से बदहाल देश के सामने, बिना किसी संतोषजनक संवाद, बातचीत के, हड़बड़ी में लाई गई ‘शिक्षा नीति-2020’ आखिर क्या उपलब्ध करना चाहती है? क्या यह तेजी से बढ़ती निजी पूंजी को और बढाने की खातिर सस्ते मजदूरों की...
जिम और योग केंद्र खोलने के बाद अब स्कूल-कॉलेज खोलने की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं| देश में 32 करोड़ छात्र हैं| मुख्यधारा के स्कूलों में एक ही कक्षा के सात-आठ सेक्शन्स हैं| हर कक्षा में 70 बच्चे...