आजादी के आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी के अनेक उदाहरणों में से एक हैं - रामेश्वरी नेहरू जिन्होंने करीब एक शताब्दी पहले अपनी पत्रिका ‘स्त्री दर्पण’ की मार्फत देश, खासकर महिलाओं में अलख जगाई थी। हाल में उनकी स्मृति...
जिस तेजी से शहरों के विकास हो रहे हैं, उसने नगर-नियोजन की अहमियत कई गुना बढ़ा दी है। इसमें उस आबादी का खास महत्व है जो आसपास के गांव-खेडों से रोजगार की आस में शहरों की तरफ खिंची चली...
आज के खाऊ-उडाऊ विकास के सामने कई लोग अपनी परम्पराओं, पद्धतियों को लेकर निष्ठा से डटे हैं। उनमें से एक देबजीत सरंगी भी थे। पिछली मई में करीब 54 साल की उम्र में उनका सदा के लिए विदा होना...
मेरा यह सम्मान रचनात्मक कार्यों में लगी महिलाओं को समर्पित - दमयंती पाणी गुवाहाटी,12 नवंबर। आज शरणिया आश्रम, गुवाहाटी में अमलप्रभा दास की 113वीं जन्म जयंती के अवसर पर वर्ष 2024 का प्रतिष्ठित अमलप्रभा सर्वोदय पुरस्कार मध्‍यप्रदेश की सामाजिक कार्यकर्ता...
गांधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा समन्वित पांचवें कुलदीप नैयर पत्रकारिता पुरस्कार 2023 की घोषणा नई दिल्ली, 8 नवंबर। गांधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा द्वारा संचालित एवं समन्वित पांचवां कुलदीप नैयर पत्रकारिता पुरस्कार 2023  वरिष्ठ पत्रकार, विद्वान और टीवी समाचार एंकर उर्मिलेश को...
एल.एस. हरदेनिया 1960 के दशक में दक्षिण एशिया में एक साधारण नमक, शक्कर और साफ पानी के मिश्रण से हैजा और अन्य दस्त जनित बीमारियों को नियंत्रित करने का तरीका विकसित करने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञ रिचर्ड ए. कैश का पिछले...
अभी कुछ दिन पहले घोषित अंतरराष्ट्रीय नोबेल पुरस्कारों में दक्षिण कोरिया की हान कांग को साहित्य के नोबेल से नवाजा गया है। जीवों के प्रति दया और शाकाहार की समर्थक हान कांग को मिला यह सम्मान ‘शरीर और आत्मा,...
लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) : 11 अक्टूबर जन्मदिन लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) का आज (ग्यारह अक्टूबर) जन्मदिन है। तीन दिन पहले आठ अक्टूबर को उनकी पुण्य तिथि थी। सोचा जा सकता है कि जेपी आज अगर हमारे बीच...
जयप्रकाश नारायण क्या वर्तमान दलीय लोकतंत्र का कोई विकल्प हो सकता है? और यदि हो सकता है तो उसका स्वरूप कैसा होगा? इस सिलसिले में प्रस्तुत है, ‘सप्रेस’ के भंडार में से देश के मूर्धन्य नेता, स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी स्व. श्री...
महात्मा गांधी के जन्मदिन के ठीक एक दिन पहले हजार किलोमीटर की पद और यदा-कदा वाहन यात्रा करके अपनी बात कहने आए कुल-जमा डेढ़ सौ लद्दाखियों को देश की राजधानी की सीमा पर रोकने की आखिर क्या वजह हो...

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