चौथे दिन साबरमती सेवाग्राम संदेश यात्रा का गुजरात में प्रवेश 20 अक्‍टूबर । साबरमती आश्रम के स्वरूप में बदलाव के विरुद्ध गांधी जनों द्वारा निकाली गई सेवाग्राम से साबरमती संदेश यात्रा का आज चौथे दिन नंदूबार संत टेरेसा स्कूल एवं...
साबरमती - सेवाग्राम संदेश यात्रा तीसरे दिन जलगांव पहुंची, भव्‍य स्‍वागत एवं सभाएं 19 अक्‍टूबर। ‘साबरमती पर्यटन नहीं, आस्था की भूमि है’,‘विरासत बचेगी, देश बनेगा’, ‘साबरमती की सादगी रहने दो, 12 सौ करोड़ वापस लो’ के नारों के उद्षोघ के...
महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षा में सुशासन की मार्फत स्वशासन को स्थापित करना शामिल था। इन दिनों गांधी के इसी सुशासन, स्वशासन की बात को फैलाने के लिए कई छोटे-बडे दल दुनियाभर में यात्राएं कर रहे हैं। कोविड -19...
संदेश यात्रा दूसरे दिन अकोला, खामगांव पहुंची, ऐतिहासिक सभा का आयोजन 18 अक्टूबर2021। प्रसिद्ध साबरमती आश्रम के स्वरूप में बदलाव के विरुद्ध गाँधीजनों द्वारा चल रही सेवाग्राम से साबरमती संदेश यात्रा दूसरे दिन महाराष्‍ट्र के अकोला से निकलकर खामगांव पहुंची।...
सेवाग्राम, 17 अक्टूबर 21 । केंद्र और गुजरात राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी के विश्व प्रसिद्ध साबरमती आश्रम के स्वरूप में बदलाव की कोशिश के विरुद्ध आज देश भर की प्रमुख गांधीवादी संस्थाओं ने सेवाग्राम आश्रम से साबरमती संदेश...
गरीबी और शांति के बीच गहरा और एक-दूसरे पर निर्भरता का द्वंद्वात्मक रिश्ता रहा है। यानि यदि किसी समाज में गरीबी होगी तो वहां शांति स्थापना असंभव है। पडौसी बांग्लादेश में करीब चालीस साल पहले इसे एक प्रोफेसर ने...
गांधी जी की विरासत को बचाने का एक प्रयास देश के जानी मानी कई गांधी संस्‍थाओं ने संयुक्‍त रूप से  तय किया है कि 17 से 24 अक्टूबर 2021 तक गांधीजी के सिद्धांतों और मूल्यों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक...
स्वराज के लिए गांधीजी राजनीतिक आजादी के साथ-साथ सामाजिक, नैतिक और आर्थिक आजादी आवश्यक मानते थे। लोकशाही की स्थापना के लिए सैनिक सत्ता पर नागरिक सत्ता की प्रधानता की लड़ाई वे अनिवार्य मानते थे। दरअसल आज सत्ता का आधार...
एस.एन सुब्बराव महात्मा गांधी को ऐसे जियें अमेरिका के चुने अच्छे लोग भारत में राजदूत बनकर आए। उनमें से एक बुद्धिजीवी थे - चेस्टर बौल्स। जिन्होंने भारत को लेकर एक सुंदर किताब लिखी,  उनकी बेटी ने भी एक किताब लिखी। वर्ष 1964-65...
हमारे समाज की चालाकी है कि वह अपना मार्ग-दर्शन और समीक्षा करने वालों का,भगवानजी से लगाकर महापुरुष तक के दर्जे का महिमामंडन करके, किनारे कर देता है। अपने जीवन को अपना संदेश बताने वाले महात्मा गांधी भी इस कारनामे...

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