इंदौर, 19 मार्च। आगामी 26 मार्च से तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह का आयोजन इंदौर में किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रतिष्ठित रंगमंच कलाकारों और लेखकों को सम्मानित किया जाएगा। अभिनव रंगमंडल (उज्जैन, इंदौर) के 39वें नाट्य...
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 286 दिनों बाद धरती पर लौट आई हैं। वे केवल आठ दिनों के लिए अंतरिक्ष गई थीं, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण उनकी वापसी टलती रही। उनकी सुरक्षित वापसी ने दुनिया को राहत की सांस...
कस्तूरबा केवल महात्मा गांधी की जीवनसंगिनी ही नहीं थीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की एक अद्वितीय,प्रचंड क्रांतिकारी शक्ति भी थीं। उनका जीवन त्याग, निर्भीकता और अनवरत संकल्प का ऐसा ओजस्वी महाकाव्य है, जो प्रत्येक भारतीय के हृदय में प्रेरणा का अखंड दीप प्रज्ज्वलित...
मोहनदास करमचंद गांधी की महात्मा बनने तक की यात्रा में कस्तूरबा की खासी अहमियत रही है। कस्तूरबा वीरता और त्याग में अपने पति से किसी भी प्रकार कम नहीं थीं। गांधीजी ने खुद कहा है कि मैंने अंहिसा-शक्ति कस्तूरबा...
देहरादून, 15 फरवरी। चिपको आंदोलन एवं गांधी विचारों के रूप में अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने वाले सुंदरलाल बहुगुणा की पत्नी विमला बहुगुणा का बीते 14 फरवरी को 2:10 मिनट पर देहान्त हो गया। शनिवार 5 फरवरी को उनकी देह...
बाबा आमटे: पुण्यतिथि (09 फरवरी)
9 फरवरी 2008 एक ऐसा दिन जब भारत ने निस्वार्थ सेवा के अद्वितीय उदाहरण “बाबा आमटे” को खो दिया। लेकिन क्या बाबा आमटे वाकई चले गए? नहीं! वे आज भी जीवित हैं, हर उस मुस्कान में जो आनंदवन में खिलती है, हर उस उम्मीद...
7 फरवरी : 96वां जन्मदिवस
डॉ. एस. एन. सुब्ब राव, जिन्हें स्नेहपूर्वक “भाई जी“ के नाम से जाना जाता है। भारतीय समाज के एक अद्वितीय नायक और प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। 7 फरवरी को उनकी 96वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है।...
समाज सेवा में समर्पित शेख को गोयल चैरिटेबल संगठन ने भेंट किया स्कूटर
इंदौर, 30 जनवरी । महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर समाज कार्य महाविद्यालय के सभागार में निस्वार्थ भाव से समाज की विभिन्न रूपों में सेवा कर रहे...
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त राधा भट्ट का नाम गांधी-विनोबा युग के गांधीवादियों में प्रमुखता से शुमार किया जाता है। वर्ष 2025 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई है। सम्मान से बड़ा राधा भट्ट का...
स्मृति शेष
गांधीवादी और वन अधिकार कार्यकर्ता मोहन हीराबाई हीरालाल का 23 जनवरी 25 को नागपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे गढ़चिरौली जिले के लेखा-मेंढा गांव में 'मावा नाटे मावा राज' आंदोलन के स्तंभ थे। गांधी-विनोबा...