धरती के लिए सोचो, गांवों से शुरू करो – सस्टेनेबिलिटी की...
विकसित भारत के लिए सस्टेनेबल इंटर्नशिप विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
इंदौर, 17 अप्रैल । इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स विभाग...
रहन सहन : मोटापा भी एक बीमारी है
सिर्फ भूख ही नहीं, भोजन भी हमें बीमार करता है। असीमित, अस्वास्थ्यकर खान-पान और कथित आधुनिक रहन-सहन हमें लगातार मोटापे की चपेट में...
धरती के सच्चे सेवक: ट्री-मेन दरिपल्ली रामैया
दरिपल्ली रामैया का जीवन पर्यावरण संरक्षण की जीवंत मिसाल रहा। उन्होंने अकेले ही एक करोड़ से अधिक पौधे रोपकर बंजर ज़मीनों को हरित बना...
सोलर ऊर्जा से सशक्त भविष्य की ओर : जिम्मी मगिलिगन की...
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश सिंघई ने किया शुभारंभ
इंदौर, 15 अप्रैल। ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर से सम्मानित जेम्स (जिम्मी) मगिलिगन की याद...
बीमार झीलों को कैसे बचाएं?
झीलें और तालाब स्थानीय समाज के लिए पानी के अविरल स्रोत की तरह पहचाने जाते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि ये ही समाज...
डॉ. अंबेडकर : संवाद के पक्षधर, द्वंद्व के विरोधी
भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर संसद में जो दृश्य सामने आए, वे डॉ. भीमराव अंबेडकर की आत्मा को व्यथित कर सकते हैं। संविधान...