28 मई 2025,  सियांग (अरुणाचल प्रदेश)। 11,000 मेगावाट की सियांग अपर बहुउद्देश्यीय परियोजना (SUMP) के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता और मानवाधिकार पैरोकार ईबो मिली के अचानक 'लापता' होने को लेकर उनके परिजन और सहयोगी गंभीर...
देश के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के सियांग ज़िले में प्रस्तावित 11,000 मेगावाट की सियांग अपर बहुउद्देश्यीय परियोजना (Siyang Upper Multipurpose Project - SUMP) को लेकर स्थानीय समुदायों, पर्यावरणविदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से तीव्र विरोध सामने आ...
मध्यप्रदेश में 32,000 भूखंड आवंटित, लेकिन अधिकांश की रजिस्ट्री अब तक लंबित बडवानी, 21 अप्रैल। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में नर्मदा घाटी के हजारों विस्थापितों की बदहाली पर गहरी चिंता...
परियोजना की मंजूरी पर नदी घाटी मंच और जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय का बयान नई दिल्ली, 3 अप्रैल। केंद्र सरकार ने कोशी-मेची नदी जोड़ परियोजना को मंजूरी दे दी है। 28 मार्च 2025 को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) द्वारा...
बागमती नदी नेपाल के तराई क्षेत्र से निकलकर दक्षिण-मध्य नेपाल और उत्तरी बिहार राज्य, पूर्वोत्तर भारत में बहती है।  सीतामढ़ी जिले में बागमती नदी पर दो नए बराज बनाए जाएंगे। ये बराज ढेंग और कटौंझा के पास बनाए जाएंगे।...
कुमार कृष्णन सितंबर 2024 के आखिरी दिनों में नेपाल और बिहार के कई इलाकों में भारी बारिश के बाद कोसी क्षेत्र में दशकों बाद आई विनाशकारी बाढ़ के लोंगों की ज़िन्दगी को तहस नहस कर डाला। इस बार तटबंध और...
सुनील कुमार कलिंगनगर, नियमगिरि, जगतसिंहपुर (पोस्को), नारयणपटना, काशीपुर के बाद निगाह रायगड़ा़ जिले के सिजिमाली, कुटरूमाली और माजनमाली पर है। यहां पर बॉक्साइट का भंडार बड़ी मात्रा में है। कलिंगनगर, नियमगिरि, जगतसिंहपुर (पोस्को), नारायणपटना, काशीपुर के बाद निगाह रायगड़ा़ जिले के सिजिमाली, कुटरूमाली और...
निमिषा सिंह देश की आबादी में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 8.6% है, लेकिन विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापित होने वाले लोगों की कुल संख्या में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 40 प्रतिशत है। जाहिर है, जनजातीय लोगों को जो भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची से आच्छादित हैं, भूमि-अधिग्रहण, विस्थापन...
डेढ़-दो सौ साल पहले से कहा जाने लगा है कि नेपाल से उतरने वाली नदियां बिहार में कहर ढाती हैं (हालांकि 1870 के पहले बिहार में बाढ़ को कोई नहीं जानता था) और उनसे निपटने के लिए बड़े बांध,...
हिमालय और उसके राज्यों की मौजूदा आपदाएं आत्महंता विकास के विकराल नमूने बनते जा रहे हैं। इंसान अपना अंत किस नासमझी से जानबूझकर रचता है इसे देखना-समझना हो तो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों की मौजूदा हालातों का जायजा...

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