इंदौर। पेशे से चिकित्‍सक और शौकिया तौर पर फोटोग्राफी करने वाले डॉ. चेतन एरन के चुनिंदा फोटोग्राफ्स की तीन दिवसीय प्रदर्शनी ( 11 से 13 फरवरी 2022 ) ‘फोटो थेरेपी’ प्रीतमलाल दुआ कला विथिका में रविवार को सम्‍पन्‍न हुई ।...
भांति-भांति की असंख्य विविधताओं वाले भारत में आपस के संवाद के लिए एक सामान्य भाषा की जरूरत आजादी के पहले से महसूस की जा रही थी। महात्मा गांधी हिन्दी को सम्पर्क, संवाद की राष्ट्रभाषा मानकर इस जरूरत को पूरा...
मध्‍यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल ने किया लोगो विमोचन इंदौर, 27 मार्च। अपने वैविध्यपूर्ण, उत्कृष्ट और गहरी सोच के लेखन से साहित्य प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले, देश के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित श्रीयुत श्रीनरेश मेहता...
दिनेश चौधरी दीगर चीजों के अलावा कोलकाता मुझे इसलिए भी अपनी ओर खींचता रहा कि यहाँ सत्यजीत रे रहा करते थे। कोलकाता अपने किस्म का अद्भुत शहर है और सत्यजीत रे अपने किस्म के अद्भुत फिल्मकार थे। किस्से- कहानियों की...
5 मार्च को इंदौर में होगा महिला कबीर यात्रा का समापन भोपाल, 2 मार्च । जाने-माने कबीर गायक पद्मश्री प्रह्लाद टिप्पाणिया ने कहा कि कबीर की बानी को अगर समाज सुने तो तमाम तरह के विभाजन, नफ़रत और द्वेष समाज...
इप्टा के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्‍तुत नुक्कड़ नाटक इप्टा (इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन) के लोकप्रिय नाम से जाना जाने वाला यह नाट्य आंदोलन संपूर्ण रूप से एक सांस्कृतिक आंदोलन रहा है, जिसका मकसद जनता के बीच राजनैतिक चेतना जगाना ही...
2021 में प्रकाशित ‘आज़ादी’ नामक निबंध संकलन के फ्रेंच अनुवाद के लिए मिला सम्मान नयी दिल्ली, 18 जून। जानी मानी लेखिका अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) को वर्ष 2023 का 45वां ‘‘यूरोपियन एसे प्राइज फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट’’ (European Essay Prize)  सम्मान...
26 जून, 1922 को इन्दौर में जन्मे राहुल बारपुते का ‘जन्म शताब्दी वर्ष’ इन्दौर में मनाया गया। साहित्य, कला, संगीत, वास्तु-शिल्प, नाटक और शिल्पकला के दिग्गजों से राहुलजी की प्रगाढ़ मैत्री थी, लेकिन राहुलजी ने अपने आपको सम्मान पुरस्कार...
विजय बहादुर सिंह भोपाल, 25 अप्रैल। भारत भवन की दूसरी साँझ मेवाती घराना के हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत फनकार पं.संजीव अभ्यंकर के गायन से खिल उठी। न केवल खिल उठी बल्कि समूचे अंतरंग में उसकी सुवास की सम्मोहकता ने ऐसा असर डाला कि...
हथकरघा उद्योग आज भी रोजगार का एक कारगर साधन है, लेकिन हमारी सरकारें और उनकी नीतियां उसे अपेक्षित महत्व नहीं देतीं। नतीजे में यह उद्योग ठप्प होता जा रहा है। फिलहाल क्या हालत है, हथकरघा उद्योग की? सात अगस्त,...

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