एक जमाने में शरद ऋतु के गुलाबी जाडे का इंतजार किया जाता था, लेकिन आजकल यह मौसम जहरीली, प्रदूषित हवा के कारण डराता है। जाहिर है, हम धीरे-धीरे खतरनाक बीमारियों की तरफ बढते जा रहे हैं।
बढ़ते वायु-प्रदूषण से...
अब यह कोई दुराव-छिपाव की बात नहीं रही है कि हमारे आम-फहम जीवन में लगातार गिरावट आती जा रही है और इसकी वजह भी हम खुद ही हैं। आखिर किस तरह हम अपनी इस बदहाली से पार पा सकते...
वैसे हमारे समाज में अवसाद कोई संकट नहीं माना जाता, लेकिन अब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बढती आत्महत्याओं ने इस मान्यता को खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, यहां तक कि पंजाब सरीखे ‘हरित-क्रांति’ वाले...
हंसने के प्रति आप गंभीर नहीं तो जान लें कि आम तौर पर 23 साल की उम्र के आस पास लोगों का हास्य बोध घटने लगता है| मांसपेशियों के कमज़ोर होने और आखों की रोशनी के घटने से भी...
महामारी के टीके द्वारा हमारा लक्ष्य है कि कम से कम 80 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो जाए ताकि समाज में एक ‘कवच’ बन जाए और महामारी को फैलने का रास्ता ना मिले। यह एक सार्वजनिक ज़रूरत है। इसे...
हाल के ‘कोविड-19’ ने एक बार फिर उजागर कर दिया है कि हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं बेहद लचर हैं। क्या है, जिसके चलते हम सस्ती, सर्वसुलभ और सेवाभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर नहीं कर पाते? एक कारण है,...
पिछले कुछ सालों से प्लास्टिक पर्यावरण के दुश्मन के रूप में उभरा है। कहा जाता है कि यदि प्लास्टिक का उपयोग इसी तरह से किया जाता रहा तो एक समय के बाद हमारा जीवन तक खतरे में आ जाएगा।...
चालीस अरब डॉलर का है योग उद्योग| योग से मिली उर्जा का उपयोग पूंजीवादी अच्छी तरह करते हैं। योग से कर्मचारी ज्यादा उर्जावान महसूस करेंगे और ज्यादा काम करने में सक्षम होंगें। काम से होने वाले तनाव को भी...
पिछले दिनों ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ ने दुनियाभर में कोविड-19 से हुई मौतों के आंकडे जारी किए हैं। इनमें भारत के आंकडे भी शामिल हैं, लेकिन केन्द्र सरकार ने उन्हें ‘बढा-चढाकर दिए गए आंकडे’ कहकर खारिज कर दिया है। क्या...
रासायनिक खादों-दवाओं-कीटनाशकों की भरपूर मात्रा से विपुल पैदावार करने वाली ‘हरित क्रांति’ ने अब अपने पैदा किए खतरों को उजागर करना शुरु कर दिया है। एक जमाने में कभी-कभार होने वाली कैंसर जैसी बीमारी अब घर-घर का संकट बन...