जनहित बताकर रची जाने वाली सरकारी योजनाएं असल में भ्रष्टाचार, लापरवाही और आम हितग्राहियों की बेशर्म अनदेखी के चलते आमतौर पर नकारा साबित होती हैं। हाल का उदाहरण घर-घर पानी पहुंचाने की खातिर बनाए गए ‘जल जीवन मिशन’ का...
भारत अपनी बढ़ती युवा आबादी के साथ, एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। ‘मानव विकास संस्थान’ (आईएचडी) और ‘अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (आईएलओ) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई ‘भारत रोज़गार रिपोर्ट – 2024’ युवाओं में रोज़गार के बहुआयामी परिदृश्य पर प्रकाश डालती है। भारत की...
वैश्विक गैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) ऑक्सफैम (ऑक्सफोर्ड कमेटी फॉर फेमिन रिलीफ) द्वारा 21 मार्च 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की सबसे प्रभावशाली खाद्य और कृषि कंपनियों में से केवल एक चौथाई ने ही अपने पानी के उपयोग को कम करने और...
राजनीतिक रूप से भले ही सत्ताधारी दल अलग-अलग दिखाई देते हों, लेकिन विकास के मामले में सभी में गजब की एकरूपता है। तमिलनाडु को ही लें तो वहां उत्तर भारत की भाजपा-कांग्रेस जैसी पार्टियों से सर्वथा भिन्न ‘द्रविड मुनेत्र...
मौजूदा संसद के संभवत: आखिरी सत्र में पेश किए गए अंतरिम बजट ने और कुछ किया हो या नहीं, मौजूदा सरकार की संभावित वापसी पर उसकी भावी योजनाओं को उजागर जरूर कर दिया है। मसलन किसानों की आय दोगुनी...
विकास के नाम पर की जाने वाली विनाश की ताजी जिद का नया कारनामा अब नदी-जोड़ है। मध्‍यप्रदेश में केन- बेतवा लिंक परियोजना का भूमि पूजन फरवरी 2024 में होने जा रहा है। इससे बुंदेलखंड से प्रवाहित केन नदी...
आम लोगों के परिवहन का सर्वाधिक सुलभ और सस्ता साधन रेलगाडी अब धीरे-धीरे मंहगा, बेहद मंहगा होता जा रहा है। कहा जा रहा है कि अब आम जनता के लिए ‘जनरल कोच’ और खास लोगों के लिए मंहगी ‘एसी...
28 नवंबर को करीब 17 दिन से बारामासी सड़क की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का सुरक्षित बाहर निकलना कोई अकेली त्रासदी नहीं है। दुनियाभर के वैज्ञानिकों में ‘बच्चा पहाड़’ माने जाने वाले हिमालय में ऐसी त्रासदियां लगातार...
उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिन बाद निकाला गया है, लेकिन पहाड़ों की नाजुक हालत और विकास की परिकल्पना हमारे सामने है। पिछले ही महीने सिक्किम की बाढ़ भी मानव निर्मित कारणों से ज्यादा...
हथकरघा उद्योग आज भी रोजगार का एक कारगर साधन है, लेकिन हमारी सरकारें और उनकी नीतियां उसे अपेक्षित महत्व नहीं देतीं। नतीजे में यह उद्योग ठप्प होता जा रहा है। फिलहाल क्या हालत है, हथकरघा उद्योग की? सात अगस्त,...

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