कौसानी में गांधीवादी विचारकों और युवाओं का राष्ट्रीय शिविर 7 जून से

कौसानी, 6 जून। महात्मा गांधी की ऐतिहासिक तपोभूमि अनासक्ति आश्रम, कौसानी में शनिवार, 7 जून से देशभर के प्रमुख गांधीवादी विचारकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवाओं का तीन दिवसीय चिंतन एवं प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ हो रहा है।

गौरतलब है कि यह वही स्थान है जहाँ गांधीजी ने सौ वर्ष पूर्व प्रवास कर ‘अनासक्ति योग’ की रचना की थी। इसी ऐतिहासिक भावभूमि पर यह शिविर, वर्तमान समय में गांधीवादी संस्थाओं की भूमिका, संवाद की शैली और समाज से जुड़ाव की चुनौती पर आत्मचिंतन और नवदृष्टि के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

शिविर में देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 50 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं, जिनमें वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक, शिक्षक, पत्रकार, अधिवक्ता और युवाजन प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।

वरिष्‍ठ गांधी विचारक पद्मश्री राधा भट्ट (लक्ष्‍मी आश्रम कौसानी), प्रो. सुदर्शन अयंगर, प्रो. हेमंत शाह, वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी, प्रो. सिबी जोसेफ, सर्व सेवा संघ के वरिष्ठ नेता राम धीरज, प्रो. अश्विन झाला, पत्रकार राजीव लोचन शाह, प्रो. पीसी तिवारी, अधिवक्ता के.एस. बिष्ट, रमेश मुमुक्षु, जागृति राही, गांधी स्मारक निधि के मंत्री लाल बहादुर राय, भुवन पाठक सहित अन्य विशिष्टजन शामिल होंगे।

शिविर संयोजक राम दत्त त्रिपाठी ने कहा “हम लंबे समय से बापू को साक्षी मानकर ऐसा चिंतन शिविर करना चाहते थे। प्रश्न यह है कि इतने गांधीवादी संस्थान और समाज में गांधीजी के प्रति सम्मान होते हुए भी हम व्यापक समाज से जुड़ क्यों नहीं पा रहे हैं? क्या हमारी भाषा, संवाद की शैली या जीवन व्यवहार में कोई कमी है? या फिर हम स्वयं और गांधी विचार, आज के समय की गति से पीछे छूट गए हैं?”

शिविर के दौरान कुछ बुनियादी सवालों पर विचार किया जाएगा जिसमें क्या हमारी संवाद शैली आज के समाज के लिए प्रासंगिक है?, क्या हमारे जीवन में तप और प्रतिबद्धता की कमी है?, क्या हमारे कथनों और आचरण में अंतर है? या फिर समयानुसार हमें अपनी प्रस्तुति और कार्यशैली में परिवर्तन लाना चाहिए?

8 जून को दोपहर 3 बजे, अल्मोड़ा और बागेश्वर के स्थानीय गांधीवादी कार्यकर्ताओं के साथ जनहित के मुद्दों पर खुली चर्चा की जाएगी। इसके पश्चात शांति, सद्भाव और सामाजिक न्याय के लिए एक सांकेतिक पदयात्रा (जुलूस) भी आयोजित की जाएगी।

शिविर में युवाओं के लिए एक विशेष सत्र ‘Youth for Truth’ भी आयोजित किया जाएगा। इसमें गांधीवादी मूल्यों के साथ-साथ युवाओं को सोशल मीडिया के प्रभावी और जिम्मेदार प्रयोग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

त्रिपाठी ने बताया कि यह केवल विचार-विमर्श का मंच नहीं, बल्कि एक सक्रिय और सजग गांधीवादी नेटवर्क खड़ा करने का प्रयास है जो आज की सामाजिक-राजनीतिक चुनौतियों का जवाब दे सके।