स्मृति शेष
यदि आप जैसलमेर की किसी भी गली में यह पूछें कि क्या किसी ने गोडावण देखा है, तो जवाब में राधेश्याम विश्नोई Radheshyam Pemani Bishnoi का नाम अवश्य सुनने को मिलेगा। गोडावण, यानी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड—वह दुर्लभ...
एक तरह से देखें तो धरती पर जीवन को पैदा करने, उसे बनाए रखने और उसका पेट भरते रहने में जैव-विविधता सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैव-विविधता के इसी उपकार को याद दिलाते रहने के लिए हर साल दुनियाभर...
पर्यावरण के पिरामिड की चोटी पर बाघ विराजता है और उस पर मंडराता कोई भी संकट दरअसल पर्यावरण पर संकट माना जाता है। जाहिर है, ऐसे में किसी भी कीमत पर बाघ और उसके लिए जंगल बचाना ‘वैज्ञानिक वानिकी’...
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 11,968 फीट की ऊंचाई पर बसा केदारनाथ मंदिर शीतकाल में 6 महीने बंद रहने के बाद अब 2 मई को फिर से खुलने वाला है। चारधाम यात्रा के इस हिस्से में लाखों श्रद्धालु आते...
गोरैया को बचाना केवल पर्यावरण की नहीं, बल्कि हमारी भावनाओं और संस्कृति की भी जरूरत है। यह चिडिय़ा हमारे बचपन की साथी रही है, हमारे आंगन की रौनक रही है। इसे वापस लाना है तो इसके लिए हमें अपने...
यह कदम सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के स्पष्ट आदेशों का उल्लंघन
बडवानी, 13 जनवरी । मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। विभाग ने हाल ही में नर्मदा नदी पर मेघनाथ...
यह जानने के लिए किसी रॉकेट-साइंस की जरूरत नहीं है कि इंसानी वजूद के लिए वन और उनके साथ पर्यावरण का संरक्षण कितना जरूरी है, लेकिन सरकार से लेकर समाज तक का कोई भी तबका इसे अपेक्षित अहमियत देता...
पिछले 2 महीनों से 3 लाख आबादी वाले लद्दाख की 10 प्रतिशत आबादी यानि 30 हज़ार से भी ज़्यादा लोग, अपने जल-जंगल-जमीन, पर्यावरण, अपने रोजगार और समाज और अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं! लद्दाख की 90% आबादी...
पक्षियों और आसपास के जीव-जन्तुओं को जानना-समझना इंसानी वजूद के लिए बेहद उपयोगी होता है, लेकिन आजकल की आपाधापी में हम इसे भूलते जा रहे हैं। पक्षियों से कैसे दोस्ती बनाए रखी जा सकती है? पक्षी-प्रेमी डॉ. लोकेश तमगीरे...
करीब सवा चार दशक पहले, जब पर्यावरण दुनिया के सामने एक आसन्न संकट की तरह उभर रहा था, भारत में ‘वन (संरक्षण) अधिनियम-1980’ बनाया गया था। अब विकास की बगटूट भागती अंधी दौड़ के सामने पर्यावरण ओझल होता...