वर्ष 2024-25 में 25,000 छात्राओं को मिली अज़ीम प्रेमजी स्कॉलरशिप

बेंगलुरु, 15 मई। अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन ने देश की छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘अज़ीम प्रेमजी स्कॉलरशिप’ की घोषणा की है। इस योजना के तहत शैक्षणिक वर्ष 2025–26 में 18 राज्यों की लगभग 2.5 लाख छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जाएगी।

फ़ाउंडेशन के अनुसार यह स्कॉलरशिप उन छात्राओं को प्रदान की जाएगी, जिन्होंने सरकारी या म्युनिसिपल स्कूलों से कक्षा 10वीं और 12वीं पास की है तथा वर्तमान में किसी सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी कॉलेज / विश्वविद्यालय में स्नातक या डिप्लोमा पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में नियमित रूप से प्रवेश लिया है।

प्रत्येक छात्रा को हर वर्ष ₹30,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो दो किस्तों में सीधे छात्रा के बैंक खाते में भेजी जाएगी। अगर कोई छात्रा चार वर्ष का बीएससी नर्सिंग कोर्स कर रही है, तो उसे कुल ₹1,20,000 तक की सहायता मिलेगी। यह राशि छात्रा अपनी शैक्षणिक और अन्य आवश्यकताओं के अनुसार उपयोग कर सकेगी।

अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के सीईओ अनुराग बेहार ने कहा, “अच्छी स्कूली शिक्षा जीवन की आधारशिला है, जबकि उच्च शिक्षा जीवन की सामाजिक और आर्थिक संभावनाओं में बदलाव लाती है। देश सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है, इसके बावजूद देश की लड़कियाँ शिक्षा हासिल करने की राह में कई सामाजिक और आर्थिक बाधाओं का सामना कर रही हैं। हम लड़कियों को उनके उच्च शिक्षा के सफ़र में ज़रूरी सहयोग करने का वादा करते हैं। इससे उन्हें अपने जीवन की दिशा खुद तय करने में मदद मिलेगी।”

स्कॉलरशिप का पहला चरण वर्ष 2024–25 में कुछ चुनिंदा जिलों में लागू किया गया था। इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और झारखंड (इटकी ब्लॉक) शामिल थे। इस चरण में 25,000 छात्राओं को स्कॉलरशिप दी गई और पहला भुगतान उनके खातों में भेजा जा चुका है।

दूसरे चरण के लिए आवेदन जुलाई 2025 में आमंत्रित किए जाएँगे। इस बार यह योजना देश के 18 राज्यों में लागू की जाएगी, जिनमें शामिल हैं — अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड।

फ़ाउंडेशन ने स्पष्ट किया है कि आवेदन प्रक्रिया से पहले यदि इस योजना में कोई बदलाव या नया निर्देश जारी होता है, तो इसकी सूचना समय रहते दी जाएगी। फाउंडेशन का लक्ष्य आने वाले वर्षों में इस कार्यक्रम को देशभर में विस्तार देना है।