जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाएं अब सिर्फ पर्यावरणीय नहीं, बल्कि मानवीय संकट बन चुकी हैं। पिछले एक दशक में दुनिया भर में करोड़ों लोग बाढ़, सूखा, तूफान और समुद्र स्तर बढ़ने के कारण अपने घरों से उजड़ चुके हैं।...
विश्व पर्यावरण दिवस केवल प्रतीकात्मक आयोजन नहीं, बल्कि धरती की रक्षा के प्रति हमारी सामूहिक जवाबदेही का अवसर है। इस वर्ष का विषय ‘प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना’ हमें चेताता है कि यदि अब भी नहीं चेते, तो...
ठेकेदारों-इंजीनियरों-राजनेताओं का गठजोड जब ‘विकास’ की मशक्कत में लग जाता है तो नदी-जोड जैसी परियोजनाएं जन्म लेती हैं। कमाल यह है कि समाज की परखी-पहचानी स्थानीय पद्धतियां जल्दी, सस्ता और नियंत्रित पानी उपलब्ध करवा सकती हैं, लेकिन पूंजी के...
जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा आयोजित पर्यावरण संवाद सप्ताह
इंदौर, 2 जून । जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा आयोजित पर्यावरण संवाद सप्ताह के तीसरे दिन "आओ मिलकर स्वच्छ जल के लिए प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करें” विषय...
जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा पर्यावरण संवाद सप्ताह 30 मई से शुरू
इंदौर, 29 मई! जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा 33वें वार्षिक पर्यावरण संवाद सप्ताह का आयोजन विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के...
बड़ी,बारहमासी नदियों का दोहन करने की सरकारी हुलफुलाहट के साथ-साथ सत्तर के दशक से समाज ने भी इन पर गौर करना और जरूरी हो तो प्रतिरोध करना शुरु कर दिया है, लेकिन इन विशालकाय जल-भंडारों को पोषित करने वाली...
भौगोलिक रूप से बेहद संवेदनशील माने जाने वाले पहाड़ों में विकास योजनाओं की जिद ने जानलेवा आफतें खड़ी की हैं। नतीजे में पहाड़ और उन पर बसा जीवन लगातार आपदाओं की चपेट में बना रहता है। कमाल यह है...
तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास की इस दौड़ में एक ऐसी आवाज़ है जिसे बार-बार अनसुना किया जाता है—जंगलों की। ये जंगल, जो सिर्फ पेड़ों का समूह नहीं बल्कि जीवन का आधार हैं, हर दिन विकास की कीमत चुका...
बढ़ते भौतिक विकास की दौड़ में मानव ने प्रकृति के साथ जो खिलवाड़ किया है, उसके दुष्परिणाम अब स्पष्ट दिखने लगे हैं—असामान्य तापमान, बदलता मौसम और प्राकृतिक आपदाएं इसका प्रमाण हैं। ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ हमें यह याद दिलाता है...
भारत की विविध भूमि, जलवायु और सांस्कृतिक पहचान को एक साथ दर्शाने वाला "भारत का भू-सांस्कृतिक मानचित्र" तरुण भारत संघ की एक अभिनव पहल है। यह मानचित्र देश की आत्मा से जुड़ी प्रकृति और संस्कृति के रिश्ते को उजागर...