केएस राधाकृष्ण जन्म शताब्दी समारोह
राधाकृष्णजी एक समर्पित गांधीवादी थे, जिन्होंने उदार विचारों वाले लोगों को परस्पर मिलाकर हर काम को आसान बनाया। वे महान विचारक और दूरदर्शी व्यक्ति थे। वे सभी तरह की समस्याओं का समाधान गांधीवादी नजरिए से खोजते थे और...
गांधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा समन्वित पांचवें कुलदीप नैयर पत्रकारिता पुरस्कार 2023 की घोषणा
नई दिल्ली, 8 नवंबर। गांधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा द्वारा संचालित एवं समन्वित पांचवां कुलदीप नैयर पत्रकारिता पुरस्कार 2023 वरिष्ठ पत्रकार, विद्वान और टीवी समाचार एंकर उर्मिलेश को...
सर्व सेवा संघ के आह्वान पर न्याय के दीप जलाएं -100 दिवसीय सत्याग्रह जारी
वाराणसी, 6 नवंबर। गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह को आज 57 वां दिन है। इस सत्याग्रह...
वाराणसी, 24 अक्टूबर । सर्वोदय समाज की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय सर्व सेवा संघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंफ्रा) नवीन गुलाटी के बयान को असंगत, तथ्यहीन, असत्य और गुमराह करने वाला बताया है।...
सर्व सेवा संघ के खिलाफ चल रहे सरकारी षड्यंत्र के विरोध में सौ दिनी सत्याग्रह का 41 वां दिवस
वाराणसी, 21 अक्टूबर । सर्व सेवा संघ परिसर को जमींदोज करने के एक वर्ष होने के निमित्त चल रहा सौ दिनी...
‘सर्व सेवा संघ प्रकाशन’ और ‘गांधी विद्या संस्थान’ समेत 4 संग्रहालयों और करीब 84 आवासों पर यह हमला दरअसल एक सुनियोजित साजिश है
नईदिल्ली, 8 अक्टूबर । सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा देने और पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए जा रहे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत राज्य...
पुस्तक प्रख्यात गांधीवादी विचारक के.एस. राधाकृष्ण के जीवन को समर्पित
नई दिल्ली। प्रख्यात गांधीवादी विचारक व महात्मा गांधी के अनुयायी के.एस. राधाकृष्ण के जीवन को समर्पित ‘महात्मा गांधी की दृष्टि, राधाकृष्ण का उद्यम : जीवन, विचार व कार्य’ पुस्तक का...
इंदौर। गाँधी एक ऐसे कालजयी व्यक्तितव का नाम है जिसने भारत की हज़ारों वर्ष पुरानी संस्कृति का न केवल साक्षात्कर किया, उसकी तुलना में दुनियाभर के बाकी महापुरुष बोने साबित होते हैं। स्त्री- पुरुष के भेद को सबसे पहले...
प्रसंग : गांधी जयंती
अलग-अलग दलों और धड़ों में बँटा देश का राजनीतिक नेतृत्व गांधी और उनके विचारों को काफ़ी पीछे छोड़ चुका है। उसके लिए ज़रूरत सिर्फ़ गांधी के आश्रमों (सेवाग्राम और साबरमती) के आधुनिकीकरण या उन्हें भी...