न्यूजर्सी, 21 मार्च । न्यूजर्सी में World Water Conference विश्व जल सम्मेलन की शुरुआत विश्व जल प्रार्थना से की गई। मेगसेसे अवार्ड से सम्‍मानित जल योद्धा राजेंद्र सिंह ने सम्मेलन की जरूरत पर बोलते हुए कहा कि तीसरे विश्वयुद्ध...
48 वां सर्वोदय समाज सम्‍मेलन आज से सेवाग्राम में शुरू सेवाग्राम,14 मार्च। सेवाग्राम में तीन दिवसीय 48 वें सर्वोदय समाज सम्मलेन का आज विधिवत उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री, निर्वासित तिब्बत सरकार प्रो.सामदोंग रिनपोछे के आतिथ्‍य में हुआ। इस मौके पर प्रो....
देशभर से गांधीवादी होंगे शामिल, सर्वोदय समाज सम्मेलन का आयोजन 14 से 16 मार्च तक Sarvodaya Samaj Sammelan सर्वोदय समाज का 48 वां अधिवेशन अपनी स्थापना के 75 साल उसी सेवाग्राम में होने जा रहा है, जहां इसकी स्थापना हुई...
कहा जाता है कि शहरी लोग कचरे का सर्वाधिक विसर्जन करते हैं, लेकिन अब यह व्याधि गांवों तक भी पहुंच गई है। देश में प्रतिदिन 28 करोड टन ठोस कचरा पैदा हो रहा है जिसमें से 10.95 करोड टन...
शंपा शाह ऐसे समय में जब देश के अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत करीब 94 फीसदी महिलाओं के आर्थिक योगदान को नकारा जाता हो, ‘सकल घरेलू उत्पाद’ यानि जीडीपी में उनकी भूमिका अनदेखी की जाती हो या उनके काम को कम...
पिछले महीने समाप्त हुई राहुल गांधी की ‘कन्याकुमारी से कश्मीर’ की पदयात्रा के कई निहितार्थ हैं और ये निहितार्थ मंहगाई, बेरोजगारी, पूंजी के केंद्रीकरण, भय, कट्टरता और नफरत की राजनीति के खिलाफ कहे गए घोषित उद्देश्यों के अलावा हैं।...
वैकल्पिक सिनेमा और राजनीति के चर्चित हस्ताक्षर केपी शशि अभी कुछ दिन पहले हमें सदा के लिए छोडकर गए हैं। ‘सर्वोदय प्रेस सर्विस’ के साथ उनकी अनेक यादें जुडी हैं। प्रस्तुत है, केपी शशि का संक्षिप्त परिचय देता यह...
इन दिनों शाहरुख खान-दीपिका पदुकोण की फिल्म ‘पठान,’ हीरोइन द्वारा पहनी गई बिकिनी के भगवा रंग के कारण बवाल में है, लेकिन क्या यह केवल किसी खास रंग के मामूली बित्तेभर कपडे भर की बात है? क्या इस फिल्म...
जातियों और धर्मों में विभाजित हमारे समाज का एक बडा संकट, एक-दूसरे की अज्ञानता से उपजी हिंसक असहमतियां भी हैं। कतिपय राजनीतिक जमातें इसी अज्ञानता का लाभ लेकर लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भडकाती रहती हैं। मसलन - मध्यकालीन...
एक ठीक दर्शक या पाठक की तरह आंख-कान खोलकर देखें तो अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों जैसे तबकों को मीडिया में मिलने वाली नगण्‍य सी जगहें साफ देखी जा सकती हैं। विडंबना यह है कि हमारी कुल आबादी में...

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