सर्व सेवा संघ का 89 वां अधिवेशन प्रारम्भ
17 जुलाई सर्व सेवा संघ का 89 वां अधिवेशन आज सूरत के दादा भगवान मंदिर परिसर में प्रारम्भ हुआ। शुरुआत में सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, महामंत्री गौरांग महापात्र, मंत्री...
भोपाल. 2 जुलाई । भोपाल के गांधी भवन न्यास में दो दिवसीय गांधीजन सम्मेलन का आयोजन 1 व 2 जुलाई को किया गया। इस आयोजन में मध्यप्रदेश के गांधीजनों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत सर्वधर्म प्रार्थना के साथ...
हिसार, हरियाणा । दूसरों से बदला लेने लेते हम समाज में, देश में बदलाव लाना ही भूल गये । हम प्रकृति से, समाज से और देश से बदला लेने में ही व्यस्त हो चुके हैं । भूल गये हम...
सरकारों, मीडिया और नागरिकों से की महात्मा गांधी की पौत्री तारा भट्टाचार्य ने अपील
नईदिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोती 89 वर्षीय तारा गांधी भट्टाचार्य ने एक बयान में कहा है कि आज देश में जो कुछ हो रहा है, वह विकट...
सरकारें अपनी हेठी में अब उस हद को भी पार करने लगी हैं जिसे महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन की बुनियाद बनाया था। हाल का मामला उस ‘सेवाग्राम आश्रम’ की खादी का है जहां बरसों-बरस खुद गांधी चरखा...
शांति सबसे बड़ा मानवीय धर्म है
देश भर के वरिष्ठ विशिष्ट गांधीजनों ने चिंता जाहिर की है कि देश में यहां-वहां से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं जो बताती हैं कि भारतीय समाज के ताने-बाने को कमजोर करने की...
आजकल चहुंदिस फैले राष्ट्रवाद में भारत–माता को देखें तो क्या दिखाई देगा? क्या अपने आसपास का संसार वैसा ही खाता-अघाता, चमकदार है जैसा एक जमाने की फिल्मों में यदा-कदा दिखाया जाता था? या फिर हमारी भारत-माता के ऐसे भी...
अपने सीमित संसाधनों से अपनी खेती बागबानी बचाने वाले बहुत छोटे- छोटे किसान महिलाएं अपेक्षित सरकारी सहायता न मिलने और नीतिगत मामले में घोर लापरवाही के कारण नीति नियंताओं से बेहद नाराज़ हैं। उनका मानना है कि वे अपनी...
जौरा में तीन दिवसीय बागी आत्मसमर्पण स्वर्ण जयंती समारोह का समापन
जौरा मुरैना। 16 अप्रैल। बागी आत्मसमर्पण की स्वर्ण जयंती समारोह के समापन अवसर पर यहां विगत तीन दिनों में हुई चर्चाओं के आधार पर तय किया गया कि परिवार,...
दस्यु आत्म-समर्पण में विनोबा भावे के बाद जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा और अगुआई सर्वाधिक महत्वपूर्ण रही है। उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में फैली डाकुओं की समस्या के निदान को लेकर जेपी क्या सोचते थे? उनके मुताबिक आतंक और हिंसा...