31 अक्टूबर : सरदार पटेल की 145वीं जयंती भारत छोड़ो आंदोलन में अनेक राष्ट्रभक्तों ने अपने अपने ढंग से इस पवित्र यज्ञ में अपनी आहुति दी थी। इनमें सरदार वल्लभभाई पटेल ऐसा नाम है,जिसने गोरी हुक़ूमत को अपने तेवरों...
नर्मदा बचाओ आंदोलन की जुझारु कार्यकर्ता कपिला बहन नहीं रही। उनका निधन 26 अक्‍टूबर 2020 को हो गया। सरदार सरोवर बाँध की केवड़िया कॉलोनी निर्माण से किए गए विस्थापन के खिलाफ वे अंतिम दम तक लड़ती रही जिसमें...
गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर विशेष गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म 26 अक्तूबर 1890 को अपनी नानी गंगा देवी के घर अतरसुरैया इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था। उनका नाम उनकी नानी ने पहले ही चुन लिया था जब उन्होंने...
एक सौ पंद्रह वर्ष पुरानी गुजराती साहित्य परिषद गुजराती साहित्यकारों की संस्था है, जिसका अपना वैचारिक वजूद है। हाल ही में जाने-माने साहित्यकार और पत्रकार प्रकाश शाह को  गुजराती साहित्य परिषद का अध्यक्ष चुना गया है। श्री शाह  ने...
समाजवाद, न्याय और समता के लिए होनेवाले संघर्षों को सोमनाथ जी ( सोमनाथ त्रिपाठी) के निधन से भारी क्षति हुई है। हाल ही में 9 अक्टूबर को कोरोना संक्रमित होने से उनका देहावसान हो गया। जब भी ऐसे संघर्ष...
लोहिया की विद्रोही चेतना अपने ढंग की अनोखी है। वह इतिहास की जरूरी बहसों को बढ़ाती है और व्यर्थ की बहसों को शांत करते हुए उसमें सामंजस्य बिठा देती है। डा. लोहिया अगर भगत सिंह और गांधी के बीच...
जेपी की संपूर्ण क्रांति के मूल में स्वतंत्रता समता और बंधुत्व की ही अवधारणा है। उन्होंने उसे भारतीय संदर्भ और अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभवों से नया रूप दिया था। वे अपनी नैतिकता में हमारी पतित होती राजनीतिक व्यवस्था का शुद्धीकरण...
लोक नायक जयप्रकाश नारायण : 8 अक्‍टूबर पुण्‍य स्‍मरण लोक नायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) की आज (8 अक्‍टूबर) पुण्यतिथि है और तीन दिन बाद ग्यारह अक्टूबर को उनकी जयंती । जेपी को सबसे पहले राजगीर(बिहार) में 1967 के सर्वोदय सम्मेलन...
शंकर गुहा नियोगी : 28 सितंबर पुण्‍य स्‍मरण सत्तर के दशक में पहले ‘छत्तीसगढ़ माइन्स श्रमिक संघ’ (सीएमएसएस) और फिर ‘छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा’ (सीएमएम) का गठन करके मजदूरों, किसानों में एक नई राजनीतिक चेतना विकसित करने वाले कॉमरेड शंकर गुहा...
स्‍मृति शेष : श्रध्‍दांजलि जगन्नाथ काका नहीं रहे| नर्मदा घाटी का एक और सितारा बुझ गया | सालों से वृध्दत्व को नकारते, कई बार गिरते, फ्रेकचर लेकर भी दौड़ते काका शांत हो गये| उनकी जीवनज्योत हमारे लिए जलती रहेगी जरुर...

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