यह पर्यावरण की बजाए खुद को बचाने का दौर है। इंसानी बिरादरी ने अपने धतकरमों की मार्फत समूचे सचराचर जगत को जिन हालातों में ला पटका है, उससे कोई उम्मीद तो दिखाई नहीं देती, लेकिन फिर भी चंद समझदारों...
22 मई जैव विविधता दिवस पर विशेष
वैश्विक स्तर पर जैव विविधता का संरक्षण एक चुनौती के रूप में सामने है। दुनियाभर में प्राकृतिक आवासों की क्षति, वन विनाश, खनिज कार्य, कृषि विकास, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, औद्योगिक महत्व की फसलों...
पानी को सिर्फ प्रकृति का प्रसाद मानने वाले नादान लोगों को यह जानकारी भौंचक कर सकती है कि एन लोकसभा चुनाव की बेला में मध्यप्रदेश की बे-पानी होती आबादी को ठेंगे पर मारते हुए गुजरात को उदारतापूर्वक पानी दिया...
प्लास्टिक कचरा एक विकट समस्या बन चुका है। प्लास्टिक और पॉलीथिन के बढ़ते उपयोग को रोकने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कानून भी बनाया है। प्लास्टिक के निपटान की कोई समुचित व्यवस्था न होने के कारण संपूर्ण धरती प्लास्टिकमय...